संतो ने कहा, एडमिनिस्ट्रेटर को हटाओ नहीं तो होगा विरोध
डिजिटल डेस्क, चित्रदुर्ग (कर्नाटक)। चालीस से अधिक संतों के एक समूह ने कर्नाटक सरकार से अपील की है कि वो मुरुगा मठ में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने के अपने फैसले को वापस ले। मंगलवार को चित्रदुर्ग मुरुगा मठ में संतों ने एक बैठक की जिसमें ये फैसला लिया गया।
मठ के प्रभारी बसवप्रभु श्री ने बैठक के बाद कहा, हम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से हाथ जोड़ कर अनुरोध करते हैं कि वे मठ के प्रशासक की नियुक्ति के निर्णय को वापस ले। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मना करती है तो संत 26 दिसंबर को चित्रदुर्ग या बेलगावी में धरने पर बैठेंगे।
हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मुरुगा को पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई है। बसवप्रभु श्री ने कहा कि मठ का प्रशासन अब सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि सरकार को संतों की सुरक्षा के लिए कानून बनाना चाहिए या एक दिन ऐसी स्थिति आएगी कि खतरे को देखते हुए कोई साधु बनने के लिए तैयार नहीं होगा। साजिश रचने वाले कानून का दुरूपयोग कर रहे हैं। पॉक्सो एक्ट का भी दुरूपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति रद्द की जानी चाहिए।
कर्नाटक सरकार ने एक सप्ताह पहले ही रेप के आरोपी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू की जगह मठ में एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया है। राजस्व विभाग में उप सचिव टी.सी. कंथाराज ने अपने आदेश में घोषणा की कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पी.एस. वस्त्राड मठ के एडमिनिस्ट्रेटर होंगे। सरकार ने चित्रदुर्ग के डीसी से भी ग्राउंड रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि आरोपी साधु न्यायिक हिरासत में है, इसलिए अचल संपत्तियों और मठ के वित्त का प्रबंधन मुश्किल हो गया है।
यह एक सार्वजनिक ट्रस्ट है और कुप्रबंधन और धन के दुरुपयोग की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा संस्थान इससे प्रभावित होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी संत मठ के आजीवन प्रमुख हैं, यहां तक के शिक्षा संस्थानों के भी मामले में कार्रवाई की जरूरत है।
(आईएएनएस)
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Created On :   20 Dec 2022 6:30 PM IST