बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध केसरिया स्तूप से प्रसिद्ध केसरिया विधानसभा सीट का सियासी सफर

दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध केसरिया स्तूप से प्रसिद्ध केसरिया विधानसभा सीट का सियासी सफर
2020 में जेडीयू शलिनी मिश्रा, 2015 में आरजेडी के डॉ राजेश कुमार, 2010 में बीजेपी से सचिंद्र पीडी सिंह ,2005 में आरजेडी के लक्ष्मी नारायण प्रसाद,2000 में जेडीयू के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव ने चुनाव जीता।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में केसरिया विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले में आती है। 1951 में स्थापित हुई केसरिया विधानसभा सीट सामान्य सीट है। 2008 में सीट का परिसीमन हुआ था। केसरिया का नाम केसरिया स्तूप के लिए लोकप्रिय है। ये दुनिया का सबसे ऊंचा और प्राचीनतम बौद्ध स्तूप है। स्तूप से क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्तवता है। ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से यहां की मुख्य अर्थव्यवस्था कृषि है। विकास यहां पिछड़ा हुआ और अधूरा है। और पास कोई बड़ा उद्योग नहीं है। सड़क ,स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाल स्थिति है।

2020 में जेडीयू शलिनी मिश्रा, 2015 में आरजेडी के डॉ राजेश कुमार, 2010 में बीजेपी से सचिंद्र पीडी सिंह ,2005 में आरजेडी के लक्ष्मी नारायण प्रसाद,2000 में जेडीयू के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव ने चुनाव जीता। विधानसभा सीट पर एससी वोटर्स की संख्या करीब 12 फीसदी, एसटी की आधे फीसदी से भी कम है। मुस्लिम वोटर्स करीब 14 फीसदी है। शहरी वोटर्स की संख्या 5 फीसदी से भी कम है।

केसरिया में 1951 से अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इसमें सबसे ज्यादा बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने 6 बार, कांग्रेस ने 4 बार ,जनता दल (यूनाइटेड) ने अब तक 3 बार, जिसमें एक बार समता पार्टी के रूप में, आरजेडी ने 2 बार, जनता पार्टी और बीजेपी ने एक-एक बार जीत दर्ज की है। सीट पर बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   17 Oct 2025 1:54 PM IST

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