बिहार: कृषि बिल को लेकर विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, कहा- दशकों तक देश पर राज करने वाले आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं

बिहार: कृषि बिल को लेकर विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, कहा- दशकों तक देश पर राज करने वाले आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं
हाईलाइट
  • किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही- मोदी
  • कृषि विधेयकों ने किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई- मोदी
  • रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास

डिजिटल डेस्क, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आज फिर बिहार को कई परियोजनाओं की सौगात दी है। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेए ऐतिहासिक "कोसी रेल महासेतु" (Kosi Rail Mahasetu) राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ ही यात्री सुविधाओं से संबंधित 12 रेल परियोजनाओं (Rail Projects) का भी शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद हैं। पीएम मोदी ने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा, तब के रेल मंत्री को बिहार की चिंता नहीं थी। इसके अलावा पीएम ने कृषि बिल का विरोध कर रहे विपक्ष पर भी हमला बोला और किसानों को सतर्क रहने के लिए कहा। 

रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है। कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, नए रोज़गार पैदा करने वाले एक दर्जन प्रोजेक्ट्स का आज शुभारंभ हुआ है। 

कृषि विधेयकों ने किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई- मोदी 
पीएम मोदी ने कहा, कल विश्वकर्मा जयंती के दिन लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है। इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प और ज्यादा अवसर मिलेंगे। मैं देश के किसानों को इन विधेयकों के लिए बधाई देता हूं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं।

किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही- मोदी
पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ लोग जो दशकों तक सत्ता में रहे हैं, देश पर राज किया, वो लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, किसानों से झूठ बोल रहे हैं। चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे। आज जब वही चीजें भाजपा- एनडीए सरकार कर रही है, तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं। अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को MSP का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है। हमारी सरकार किसानों को MSP के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले भी थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी।

पीएम मे कहा, किसानों के लिए जितना एनडीए शासन में पिछले 6 वर्षों में किया गया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। किसानों को होने वाली एक-एक परेशानी को समझते हुए, एक-एक दिक्कत को दूर करने के लिए हमारी सरकार ने निरंतर प्रयास किया है। मैं देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं, आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पड़िए। इन लोगों से देश के किसानों को सतर्क रहना है। ऐसे लोगों से सावधान रहें, जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और जो आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा:- 

  • बिहार में गंगा, कोसी, सोन नदियों के विस्तार के कारण राज्य के अनेक हिस्से एक दूसरे के कटे रहे हैं। नदियों के फैलाव वजह से होने वाला लंबा सफर बिहार के लोगों की एक समस्या रहा है। बिहार की इस बड़ी समस्या के समाधान के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
     
  • आज कोसी महासेतु होते हुए सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा। यही नहीं, इससे नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेलमार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा। बिहार के लोग तो भली-भांति जानते हैं कि वर्तमान में निर्मली से सरांयगढ़ का सफर करीब-करीब 300 किमी का होता है। अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब बिहार के लोगों को 300 किमी की ये यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। 300 किमी की ये यात्रा सिर्फ 22 किमी में सिमट जाएगी।
     
  • चार साल पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु, एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरु किए गए थे। इन दोनों रेल पुलों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच, लोगों का आना-जाना और आसान हुआ है। करीब साढ़े आठ दशक पहले भूकंप की एक भीषण आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था। आज ये संयोग ही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच इन दोनों आंचलों को आपस में जोड़ा जा रहा है। 
  • आज भारतीय रेल के ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त कर, पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया जा चुका है।आत्मनिर्भरता और आधुनिकता की प्रतीक, वंदे भारत जैसी भारत में बनी ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा होती जा रही हैं।

  • बीते 6 साल से भारतीय रेल को नए भारत की आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने का प्रयास किया जा रहा है। आज भारतीय रेल, पहले से कहीं अधिक स्वच्छ है। रेलवे के आधुनिकीकरण का लाभ बिहार और पूर्वी भारत को मिल रहा है। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री और मढ़ौरा में डीजल लोको फ़ैक्ट्री स्थापित की गई हैं। इन परियोजनाओं से बिहार में लगभग 44 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है।

  • बिहार में जिस तरह की परिस्थितियां रहीं हैं, उसमें रेलवे लोगों के आने-जाने का बहुत बड़ा साधन रही है। ऐसे में बिहार में रेलवे की स्थिति को सुधारना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है। 2014 के पहले के 5 सालों में बिहार में सिर्फ सवा तीन सौ किलोमीटर नई रेल लाइन शुरु थी। जबकि 2014 के बाद के 5 सालों में बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेल लाइन कमीशन हो चुकी हैं। यानी करीब दोगुने से अधिक नई रेल लाइन शुरु हुईं हैं।

  • जिस तरह से कोरोना के समय में रेलवे ने काम किया है, काम कर रही है, उसके लिए मैं भारतीय रेल के लाखों कर्मचारियों की विशेष प्रशंसा करता हूं। देश के लाखों श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने दिन-रात एक कर दिया था। 

दरअसल बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी बीच केंद्र द्वारा लगातार बिहार को हर क्षेत्र की परियोजनाओं की सौगात दी जा रही है। 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही बिहार में नमामि गंगे और अमृत योजना से जुड़ी सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था और कहा गया था, इन परियोजनाओं से बिहार में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर (Urban Infrastructure) को एक नई मजबूती मिलेगी। पीएम मोदी ने जिन सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था उनमें- चार परियोजनाएं जल आपूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 541 करोड़ रुपये है।

13 सितंबर को भी चुनावी दांव चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र की तीन प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। इसमें पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन का बांका तक विस्तार, बांका में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट और चंपारण में एलपीजी प्लांट का लोकार्पण किया। 

10 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को करोड़ों की योजनाओं की सौगात दी थी। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana- PMMSY) का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री के बटन दबाते ही बिहार सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना के तहत 1700 करोड़ रुपये के कार्यक्रम शुरू हो गए। किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप (e-Gopala App) भी लॉन्च किया गया। 

 

 

Created On :   18 Sep 2020 3:24 AM GMT

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