मप्र सरकार का जोर किसानों को रिझाने पर

MP governments emphasis on wooing farmers
मप्र सरकार का जोर किसानों को रिझाने पर
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भोपाल, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। इन दिनों देश में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लामबंद हैं, दिल्ली की सीमा पर कई राज्यों के किसानों का डेरा है, तो केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता का दौर जारी है। वहीं मध्य प्रदेश के किसानों में असंतोष न पनपे इसके लिए शिवराज सरकार की ओर से सौगातों की बरसात की जा रही है।

राज्य की सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनी सरकार किसान, नौजवान, गरीबों पर खास तौर पर फोकस किए हुए है। हाल ही में किसान कानूनों के खिलाफ देशव्यापी असंतोष की आंच राज्य पर न आए, इसको लेकर सरकार सतर्कता बरत रही है। यही कारण है कि सरकार ने पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा हर साल किसानों को दी जाने वाली छह हजार रुपये की सम्मान निधि की तरह राज्य के किसानों को चार हजार रुपये वार्षिक सम्मान निधि देने का न केवल ऐलान किया, बल्कि किसानों के खाते में भी डाल दी।

अब शिवराज सिंह चौहान ने एक और बड़ा ऐलान किया है। इसके मुताबिक प्रदेश में 50 वर्षो से एक-दो एकड़ कृषि भूमि पर काबिज परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे। भूमि सम्बन्धी सभी रिकॉर्ड के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शीघ्र की जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की 100 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से पांच लाख किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई।

मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को समर्थन मूल्य दिए जाने का वादा करते हुए कहा कि मैं जब तक जिंदा हूं, तब तक कोई समर्थन मूल्य बन्द नहीं होगा।

किसान नेता केदार सिरोही का कहना है कि, दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों की बात गांव-गांव तक पहुंच गई है, इससे शिवराज सरकार डरी हुई है। यही कारण है कि हर रोज छोटी-छोटी घोषणाएं कर किसानों का उलझाना चाह रही है, मगर इन घोषणाओं का किसानों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। किसान तो अपना हक चाह रहा है और कानून वापसी चाहता है, उससे कम पर कोई समझौता नहीं। शिवराज को लग सकता है कि यह घेषणाएं राज्य के किसानों को लुभा लेंगी मगर ऐसा होने वाला नहीं है।

राजनीतिक के जानकार साजी थामस का कहना है कि, किसानों में किसान कानून को लेकर गुस्सा है। वे विरोध कर रहे हैं, हर राज्य से केंद्र के कानूनों के खिलाफ आवाज उठ रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान अपने को किसान पुत्र बताते हैं और अपनी कार्यशैली से किसानों के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि वे किसान हितैषी हैं, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य तो मिलेगा ही उन्हें अन्य लाभ भी सरकार देगी। यही कारण है कि किसानों के लिए कई घोषणाएं हो रही हैं। लेकिन राज्य का किसान कितना शिवराज पर भरेासा करेगा यह बात आने वाले दिनों में साफ होगी।

एसएनपी/एएनएम

Created On :   4 Dec 2020 11:31 AM GMT

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