अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार के विपक्षी दलों ने विधानसभा से किया वॉकआउट

Opposition parties of Bihar staged a walkout from the assembly in protest against the Agneepath scheme
अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार के विपक्षी दलों ने विधानसभा से किया वॉकआउट
बिहार अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार के विपक्षी दलों ने विधानसभा से किया वॉकआउट

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विपक्षी दलों ने विधानसभा की कार्यवाही से दूर रहने का फैसला किया है, क्योंकि स्पीकर विजय सिन्हा ने उन्हें अग्निपथ योजना पर चर्चा के लिए समय देने से इनकार कर दिया था।विपक्ष के नेता और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) सहित विपक्षी दलों ने मंगलवार को विधानसभा से वॉकआउट (बहिर्गमन) किया।उन्होंने विधानसभा परिसर के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री कपर्ूी ठाकुर की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

कांग्रेस और एआईएमआईएम के नेता भी सदन के अंदर मौजूद नहीं थे।तेजस्वी ने कहा, हमने सदन के अध्यक्ष विजय सिन्हा से मुलाकात की है और उन्हें अपनी चिंता बताई है। हमने कहा है कि अग्निपथ योजना युवाओं के लिए अच्छी नहीं है। केंद्र ने देश के युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने के लिए यह योजना लाई है। नरेंद्र मोदी सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

राजद नेता ने कहा, हमने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कम से कम पांच मिनट की मांग की। अध्यक्ष ने हमें समय देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह मामला केंद्र से संबंधित है। अध्यक्ष एक स्वतंत्र निकाय है जो किसी विशेष पार्टी से संबंधित नहीं है। वह सदन में हर पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है। जब उन्होंने हमारी मांग ठुकरा दी तो बहुत निराशा हुई।

तेजस्वी ने आगे कहा, अग्निपथ विरोध के दौरान, पुलिस ने बड़ी संख्या में छात्रों पर एफआईआर दर्ज की और उन्हें गिरफ्तार किया। कई कोचिंग संस्थानों को बंद करने की धमकी का सामना करना पड़ रहा है। हम कहना चाहते हैं कि अग्निपथ योजना पर हिंसा के साथ आपत्ति जताना सही नहीं है। इस योजना को लेकर छात्रों में निराशा है, जिससे हिंसा भड़क सकती है।

तेजस्वी ने कहा, जिन्हें नामजद किया गया या जेलों में बंद किया गया, वे भी हमारी मातृभूमि के पुत्र हैं। वे देश की सेवा करना चाहते हैं। हम उन्हें जेल से रिहा कराना चाहते हैं और उनके खिलाफ प्राथमिकी वापस चाहते हैं।उन्होंने कहा, भाजपा नेता इस योजना को केंद्र के एक अच्छे कदम के रूप में पेश कर रहे हैं। अगर यह उनके लिए अच्छा है तो इसे सरकारी अधिकारियों के लिए लागू क्यों नहीं किया जा रहा है और उन्हें चार साल के लिए अनुबंध के तहत भर्ती क्यों नहीं किया जा रहा।

 

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Created On :   28 Jun 2022 2:01 PM GMT

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