राज्यसभा: आयुर्वेद शिक्षण अनुसंधान संस्थान बिल पास, कोरोना लॉकडाउन पर विपक्ष के सरकार से सवाल, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच सोमवार से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र का आज (16 सितंबर) तीसरा दिन है। राज्यसभा में काफी देर तक चर्चा के बाद आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पारित हो गया है। इसके अलावा कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कोरोना, लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर सरकार से सवाल किए। फिलहाल कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
Rajya Sabha passes the Institute of Teaching and Research in Ayurveda Bill, 2020. pic.twitter.com/CVOS6Cfiqo
— ANI (@ANI) September 16, 2020
राज्यसभा ने आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक को पारित कर दिया है। यह विधेयक तीन आयुर्वेद संस्थानों को एक संस्थान- इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्ड इन आयुर्वेद (आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान) में विलय करने के बारे में है। विधेयक संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करता है। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक की अनुपस्थिति में विधेयक को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा पेश किया गया। नाइक कोरोना से संक्रमित हैं और उपचार करा रहे हैं।
आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान पर बोले स्वास्थ्य मंत्री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पर कहा, आयुर्वेद का इस्तेमाल बहुत पहले से भारत में होता रहा है। हमारे वेदों में भी इसका जिक्र मिलता है। आयुर्वेद को तो अथर्ववेद से जोड़कर ही देखा जाता है। आप सांसद नारायण दास गुप्ता ने भी कहा, आयुर्वेद का सबसे ज्यादा फायदा कोरोना काल में मिला है।
Rajya Sabha member @AAPNDGupta"s Remarks | Institute of Teaching Research in Ayurveda Bill, 2020https://t.co/JMHwR0IrC0
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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, मंत्रालय देश के विभिन्न हिस्सों में संस्थानों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दे रहा है और यह मामला यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। राष्ट्रीय महत्व के 103 संस्थान हैं, लेकिन आयुर्वेद में कोई नहीं था। उन्होंने कहा कि जामनगर संस्थान को चुना गया है क्योंकि यह देश का सबसे पुराना संस्थान है जिसकी स्थापना 1956 में भारत सरकार ने की थी।
टीआरएस, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, अन्नाद्रमुक, माकपा, बसपा और अन्य दलों के कई सांसदों ने अन्य राज्यों में भी इसी तरह के संस्थानों की मांग की। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, मंत्री को हर राज्य में ऐसे संस्थानों की मांग को ध्यान में रखकर इस पर विचार करना चाहिए।
केरल को भी प्रमुखता दी जानी चाहिए- कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता एल. हनुमंथिया ने चर्चा के दौरान आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, गुजरात को इतना महत्व क्यों दिया जाता है और केरल को भी प्रमुखता दी जानी चाहिए, जो आयुर्वेद क्षेत्र में अग्रणी है। अन्नाद्रमुक सदस्य थंबीदुरई ने विधेयक का समर्थन किया। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उठाया और कहा कि कोविड के समय में मानसिक परामर्श की आवश्यकता है।
जानिए आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान बिल के बारे में
विधेयक तीन संस्थानों को विलय करने के बारे में हैं- द इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, श्री गुलाबकुंवरबा आयुर्वेद महाविद्यालय और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल साइंसेज। ये सभी जामनगर में हैं। प्रस्तावित संस्थान गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर के परिसर में स्थित होगा। विधेयक में कहा गया है, संस्थान में 15 सदस्य शामिल होंगे और इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिचर्स इन आयुर्वेद (जामनगर) के निदेशक को संस्थान के पहले निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
RJD सांसद मनोज झा का रामदेव पर निशाना
आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पर चर्चा के दौरान RJD सांसद मनोज झा ने कहा, सरकार को आयुर्वेद को लेकर राष्ट्रीय स्तर संस्थान के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने अपने भाषण में नाम लिए बिना योग गुरु बाबा रामदेव पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, कोरोना काल में जून में एक पल ऐसा आया, जब एक महापुरुष ने कहा, उन्होंने कोरोना की दवाई बना ली है। उनके बयान के बाद टीवी में डिबेट होने लगी। बाद में कहा गया ये इम्युनिटी बूस्टर है। उनका कोई नुकसान नहीं हुआ। दवाइयां बिक गईं। कोरोना काल में किस तरह से आयुर्वेद का गलत इस्तेमाल किया गया है, इस बात पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।
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देश में कोरोना की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, कोरोना काल में सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो इसके क्या फायदे हुए, इसे भी सरकार को बताना चाहिए। आनंद शर्मा ने कहा, कल, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, लॉकडाउन के फैसले ने लगभग 14 से 29 लाख कोरोना के मामलों और 37,000 से 78,000 तक मौतों को रोका। मेरा कहना है, सदन को सूचित किया जाना चाहिए कि, वह वैज्ञानिक आधार क्या है जिसके आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
Yesterday, the health minister said that this decision (lockdown) prevented approximately 14 to 29 lakh COVID-19 cases 37,000-78,000 deaths. The house must be informed what is the scientific basis on which we"ve reached this conclusion: Congress MP Anand Sharma in Rajya Sabha pic.twitter.com/BDP9ime8qk
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सरकार के पास प्रवासी मजदूरों की मौत का डेटा न होना दुर्भाग्यपूर्ण- आनंद शर्मा
आनंद शर्मा ने कहा, अचानक 4 घंटे के नोटिस पर जो लॉकडाउन लगाया गया उससे लोगों को तकलीफ हुई। भारत की जो तस्वीर दुनिया में गई उससे हम इनकार नहीं कर सकते हैं। सरकार कह रही है, कितने प्रवासी मजदूर की मौत हुई, इसका हमारे पास कोई डेटा नहीं है ये बड़े दुर्भाग्य की बात है। मैं चाहता हूं कि आगे के लिए प्रवासी मजदूरों का विवरण रखने के लिए एक नेशनल डेटा बेस बनाया जाए।
मनोज झा ने कोरोना के मुद्दे पर सरकार को घेरा
कोरोना संकट पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, सरकार बार-बार यह कहती है कि, दूसरे देशों की तुलना में हमारे यहां मौतें कम हुई हैं, यह बहुत ही असंवेदनशील बयान है। अगर किसी के परिवार का कोई सदस्य मर जाता है तो क्या हम उससे ये कहेंगे कि हमें दुख है लेकिन दुनिया से हम अच्छी स्थिति में हैं?
सरकार ने लॉकडाउन को ही कोरोना की दवाई और वैक्सीन मान लिया
मनोज झा ने कहा, सरकार ने लॉकडाउन को ही कोरोना की दवाई और वैक्सीन दोनों मान लिया, ये भी घोर अवैज्ञानिक है। पीएम-केयर्स का बड़ा जिक्र होता है, मुझे लगता है कि नाम और काम में थोड़ा तो तारतम्यता होनी चाहिए। सरकार को अपने हाथ खोलने चाहिए और नॉन इनकम टैक्स पेयी फैमिली को 7 या 8 हजार रुपये देने चाहिए।
दिग्विजय ने कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाया
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में ऑक्सीजन सिलेंडर की ऊंची कीमतों और कालाबाजारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि, ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से कई मरीजों की मौत हो रही है। दिग्विजय ने कहा, सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम को बदल रही है और ऑक्सीजन सिलेंडर को भी इसके अंतर्गत लाया जाना चाहिए। ऑक्सीजन की कीमत 10 रुपये प्रति घन मीटर है जो अब बढ़कर 50 रुपये प्रति घन मीटर हो गई है। इसके कारण कई मरीजों की जान चली गई है। सरकार को इस संबंध में कदम उठाना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने भाषण के दौरान इस मुद्दे का उल्लेख नहीं किया।
सत्र के दूसरे दिन एयरक्राफ्ट संशोधन बिल 2020 पारित
राज्यसभा में सत्र के दूसरे दिन एयरक्राफ्ट संशोधन बिल 2020 पास हुआ। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था, भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में तीन विनियामक निकायों- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा कार्यालय और विमान दुर्घटना जांच कार्यालय को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा। इसके अलावा बॉलीवुड में ड्रग्स का मुद्दा भी राज्यसभा में उठ चुका है।
Created On :   16 Sep 2020 3:10 AM GMT