कांग्रेस के तीन प्रवक्ताओं ने खड़गे के प्रचार के लिए दिया इस्तीफा

Three Congress spokespersons resign for campaigning for Kharge
कांग्रेस के तीन प्रवक्ताओं ने खड़गे के प्रचार के लिए दिया इस्तीफा
नई दिल्ली कांग्रेस के तीन प्रवक्ताओं ने खड़गे के प्रचार के लिए दिया इस्तीफा
हाईलाइट
  • अभियान शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के तीन प्रवक्ता दीपेंद्र हुड्डा, गौरव वल्लभ और सैयद नसीर हुसैन ने रविवार को पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए प्रचार करने के लिए इस्तीफा दे दिया।

इस कदम को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, उनके वफादार विधायकों ने सीएलपी का बहिष्कार किया था, जहां खड़गे उस समय पर्यवेक्षक थे। गहलोत ने बाद में सोनिया गांधी से माफी मांगी और चुनाव से बाहर हो गए।

शनिवार को राज्यसभा में विपक्ष नेता के पद से इस्तीफा देने वाले खड़गे ने मीडिया से कहा, मैं आज से अपना अभियान शुरू करूंगा और मैं एक जाति विशेष होने के कारण नहीं लड़ रहा हूं, बल्कि मुझे पार्टी में 50 साल से ज्यादा हो गए हैं, इसलिए मैं इस चुनाव में खड़ा हूं।

गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल होने के भाजपा के आरोपों पर उन्होंने कहा, मेरे पास राजनीति में 50 साल का अनुभव है, और यूपीए के 10 साल के शासन में गांधी परिवार ने देश के लिए बहुत योगदान दिया है। इस दौरान मैंने कोई पद नहीं लिया।

खड़गे का सामना शशि थरूर से है, जिन्होंने पार्टी चुनावों के लिए अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। थरूर ने शनिवार को कहा कि वह यह समझने में विफल रहे कि जी-23 नेता, जो पहले पार्टी में चुनावों की बात करते थे, अब पीछे क्यों हट रहे हैं और आम सहमति की बात कर रहे हैं। 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे बनाम शशि थरूर होने जा रहा है। खड़गे को न केवल पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व का, बल्कि जी-23 नेताओं का भी समर्थन मिला है।

आईएएनएस से विशेष बातचीत में थरूर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पांच साल बाद हो रहे हैं। पिछला चुनाव 2017 में हुआ था, जिसे राहुल गांधी ने सर्वसम्मति से जीता था। इससे भी पिछला चुनाव 2000 में हुआ था, जब सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को भारी अंतर से हराया था। गांधी परिवार ने फैसला किया है कि वह इस बार किसी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे। थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों का मानना है कि चुनावों से पार्टी मजबूत होगी, जो बहुत अच्छी बात है।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   2 Oct 2022 4:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story