पहले चरण की 89 विधानसभा सीटों पर आज होगा मतदान, 2 करोड़ 39 लाख वोटर्स करेंगे वोटिंग
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। दो चरणों में हो रहे गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान आज होगा। पहले चरण में 19 जिलों की 89 सीटें शामिल है। जिन पर वोटिंग होनी है। 1 दिसंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान में 25393 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें 2,39,56,817 मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे, कुल मतदाताओं में 1,24,22,518 पुरुष और 1,15,33,797 महिलाएं और 503 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। आप के चुनावी मैदान में कूदने से मुकाबला त्रिकोणीय देखने को मिल रहा है। हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि पहले चरण की अधिकतर सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होने वाला है। लेकिन आप पार्टी को कमजोर मानना दोनों ही प्रमुख पार्टियों पर भारी पड़ सकता है।
चुनाव के पहले चरण में कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 70 महिलाएं और 718 पुरूष शामिल है। बीजेपी और कांग्रेस ने पहले चरण की सभी 89 सीटों पर अपने अपने कैंडिडेंट उतारे है। वहीं आम आदमी पार्टी ने 88, बहुजन समाज पार्टी ने 57 और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन ने 6 प्रत्याशी बनाएं है।
19 जिलों की 89 सीटों पर वोटिंग
पहले चरण में दक्षिण गुजरात के 7 जिले की 35 सीटें, सौराष्ट्र-कच्छ के 12 जिले की 54 सीटें शामिल हैं। राजकोट, सुरेंद्रनगर, कच्छ, मोरबी, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग्स, नवसारी, और वलसाड जिले की सीटों पर एक दिसंबर को वोट डाले जाएंगे? पिछले चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ की 54 सीटों पर 65 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि दक्षिण गुजरात में 70 फीसदी मतदान हुआ था।
पिछले चुनाव में सौराष्ट्र में कांग्रेस तो दक्षिण गुजरात में बीजेपी ने अधिक सीटें जीती थी। पिछले विधानसभा में बीजेपी ने 48, कांग्रेस ने 39, बीटीपी को 2 और एनसीपी को एक सीट पर जीत मिली थी। लेकिन इस बार बीजेपी और कांग्रेस को अपने पुराने नतीजों को बचाए रखना मुश्किल माना जा रहा है। यहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। पिछले चुनाव में भाजपा का सौराष्ट्र इलाके में अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा, तब बीजेपी 19 जिलों में से 7 जिलों में खाता नहीं खोल सकी थी। अमरेली, नर्मदा, डांग्स, तापी, अरावली, मोरबी और गिर सोमनाथ जिले में बीजेपी को एक सीट नहीं मिली थी।
पहले चरण में पोरबंदर एक मात्र जिला था जहां कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी। कच्छ, राजकोट, भावनगर, भरूच, सूरत, नवसारी और बलसाड़ में बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही थी। सूरत की 16 में से 15 सीटें बीजेपी जीती थी और कांग्रेस को महज एक सीट मिली थी। सूरत में बेहतर जीत से ही बीजेपी सियासी गद्दी पर बनी रही। यदि सूरत में कांग्रेस की अच्छी जीत होती तब शायद कांग्रेस सत्ता की कुर्सी पर कब्जा करने में कामयाब हो सकती थी।
पहले चरण की अधिकतर सीटें पाटीदार प्रभुत्व वाली है, जहां इस समुदाय का वोटर ही जीत हार का निर्णय करता है। बीजेपी ने सौराष्ट्र कच्छ में 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते कई विधायकों को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस के लिए संकट खड़ा कर दिया है। हालांकि इसे भाजपा के लिए भी नुकासा नदायक बताया जा रहा है।
बीजेपी ने मोरबी से बृजेश मेरजा, लिंबडी से सोमा पटेल, विसावदार से हर्षद रिबदिया, ध्रांगधरा से परसोतम सबरिया, जसदान से कुंवरजी बावलिया, जामनगर से वल्लभ धाराविया, मानवदार से जवाहर चावड़ा, तलाला से भगवान बरद, धारी से जेवी काकड़िया और गढ़डा से प्रवीण मारू शामिल हैं। ऐसे में देखना है कि दलबदलुओं के सहारे बीजेपी क्या कांग्रेस को सौराष्ट्र में चुनौती दे पाएगी?
Created On :   30 Nov 2022 3:41 PM IST