सियासी मायने: क्या है गजवा-ए-हिंद? जिसका सपना पूरा ना होने की बात कर रहे सीएम योगी

February 14th, 2022

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक बार फिर धार्मिक कट्टरपंथियों पर निशाना साधते हुए गजवा-ए-हिंद का जिक्र किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत तक साकार नहीं होगा। सीएम योगी के इस बयान को लेकर विपक्ष ध्रुवीकरण करार दे रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग इसके अलग अलग मायने निकाल रहे हैं। 

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सीएम योगी ने इस शब्द का उपयोग किया है। इससे पहले भी वे कई बार गजवा-ए-हिंद शब्द का प्रयोग कर चुके हैं। आखिर क्या है गजवा-ए-हिंद का अर्थ और क्या है इसका इतिहास, आइए जानते हैं...

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गजवा-ए-हिंद का मतलब
गजवा-ए-हिंद पुराना शब्द है। इस्लाम में गजवा-ए-हिंद का अर्थ काफ़िरों को जीतने के लिए किए गए युद्ध के लिए किया जाता था। इसमें ‘गजवा’ का अर्थ इस्लाम के विस्तार के लिए लड़ी जाने वाली जंग से था। सामान्य भाषा में गजवा-ए-हिन्द का मतलब एक ऐसी जंग, जिसके जरिए भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को इस्लाम में शामिल किया जा सके। जानकारों के अनुसार, 
जब इस्लाम को भारत वर्ष में फैलाने को कोशिश की गई थी, तब इसके लिए गजवा-ए-हिंद शब्द का इस्तेमाल किया गया था।

क्या कहा इंटरव्यू में
न्यूज एजेंसी एएनआई को सोमवार को दिए एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में विकास सबका होगा, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं। सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है। नया भारत संविधान के अनुरूप चलेगा, शरीयत के अनुरूप नहीं। मैं स्पष्टता से कह सकता हूं कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक भी साकार नहीं होगा। 

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सोशल मीडिया पर गजवा-ए-हिंद 
इससे पहले रविवार को उन्होंने ट्वीट भी किया, जिसमें लिखा ‘'गजवा-ए-हिन्द' का सपना देखने वाले 'तालिबानी सोच' के 'मजहबी उन्मादी' यह बात गांठ बांध लें, वो रहें या न रहें, भारत शरीयत के हिसाब से नहीं, संविधान के हिसाब से ही चलेगा। जय श्री राम!’