मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान, विंध्य की हर सीट पर होंगे उनकी पार्टी के कैंडिडेट? किसे होगा नफा-नुकसान?

What is the political meaning of BJP MLAs new party entry before Madhya Pradesh assembly elections, who will be profit-loss
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान, विंध्य की हर सीट पर होंगे उनकी पार्टी के कैंडिडेट? किसे होगा नफा-नुकसान?
नजदीक चुनाव बदलती सियासत मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी विधायक ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान, विंध्य की हर सीट पर होंगे उनकी पार्टी के कैंडिडेट? किसे होगा नफा-नुकसान?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा और बीजेपी की मुश्किलें दोनों लगातार बढ़ती जा रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह सत्ताधारी दल के एक विधायक हैं। उन्होंने अपनी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ प्रदेश से लेकर केंद्र के सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है कि बीजेपी के मौजूदा विधायक की पार्टी राज्य में क्या नया गुल खिलाएगी? हालांकि सवाल यह भी है कि विधायक जी की नई पार्टी राज्य के दो प्रमुख दलों में किसे नफा और किसे नुकसान पहुंचाएगी? इस मामले में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर नई पार्टी बनती है तो बीजेपी को इसका नुकसान हो सकता है, क्योंकि विंध्य के इलाके में बीजेपी के पास 30 में से 26 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस को यहां पर गंवाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। 

दरअसल, सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक नारायण त्रिपाठी लंबे समय से पार्टी की गाइडलाइन को साइडलाइन में रखकर चल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मैहर शहर में आयोजित एक किक्रेट टूर्नामेंट के दौरान विंध्य में अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान करके राज्य की सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया। अपने संबोधन के दौरान बीजेपी नेता नारायण त्रिपाठी ने कहा कि विंध्य की अलग पार्टी(संभावित नाम विंध्य जनता पार्टी) होगी और वे 30 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे।

नारायण का प्लान

विधायक के इस बयान के बाद अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। माना जा रहा है कि विधायक नारायण त्रिपाठी की पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 'वोट कटुआ' साबित हो सकती है। बता दें कि, विंध्य में सात जिले हैं, जिनमें 30 विधानसभा सीटें हैं। इस क्षेत्र में वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव (उपचुनाव सहित) के दौरान बीजेपी के हाथों 24 सीटें लगी थी और कांग्रेस 6 सीटों पर सिमट कर रह गई। इनमें सतना की 7 की विधानसभा सीटों में 4 बीजेपी और तीन कांग्रेस, रीवा की 8 विधानसभा सीटों में से सभी पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है। सीधी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 3 बीजेपी और एक कांग्रेस और सिंगरोली जिले की सभी 3 सीटें बीजेपी के पास हैं। शहडोल जिले की तीन सीटों पर बीजेपी विधायक हैं। इसके अलावा अनूपपुर जिले की तीन सीटों में से एक बीजेपी और 2 कांग्रेस के हाथों में हैं। वहीं उमरिया जिले की बात करें तो यहां पर दोनों सीटों पर बीजेपी विधायकों का कब्जा हैं। ऐसे में नारायण अपनी पार्टी के जरिए किसी एक पार्टी को नफा या नुकसान पहुंचा सकती है। 

किसे होगा नुकसान?

बीजेपी नेता नारायण त्रिपाठी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय सतना के मैहर विधानसभा सीट पर दौरा करने वाले थे। उनका यह दौरा बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए था। हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह (नारायण त्रिपाठी) हमारे अभिन्न मित्र है, वो क्या करते हैं ये तो भगवान जाने या नारायण। साथ ही उन्होंने विंध्य का जिक्र करते हुए कहा कि विंध्य प्रदेश बने या ना बने, ये तो पार्टी के वरिष्ठ नेता या फिर सरकार जानें। लेकिन विंध्य में सबसे ज्यादा सीट भाजपा जीतेगी। माना जा रहा है कि राज्य में शिवराज सरकार एंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रही है। ऐसे में नारायण त्रिपाठी का विंध्य में नया पार्टी बनाने का फैसला बीजेपी को मुश्किलों में डाल सकता है। बता दें कि, राज्य में आम आदमी पार्टी की एंट्री से राज्य की दो प्रमुख पार्टी उसके लिए रणनीति तैयार कर रही थी। इस बीच यदि नारायण की अपनी पार्टी को राज्य में एंट्री करते है तो राज्य की सियासत एक बार फिर यू-टर्न लेगी और समीकरणों पर चर्चाएं तेज होगी।

 

Created On :   13 April 2023 10:58 AM GMT

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