Rahul Gandhi vs ECI: 'मैं साइन क्यों करूं..', चुनाव आयोग पर राहुल गांधी का पलटवार, नोटिस पर बोले - 'ये उनका डेटा, मेरा नहीं..'

- चुनाव में धांधली को लेकर इंडिया गठबंधन ने निकाला मार्च
- संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक पैदल निकले विपक्षी सांसद
- पुलिस ने बीच रास्ते में रोककर सभी को हिरासत में लिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसदों ने सोमवार को बिहार एसआईआर और महाराष्ट्र समेत अन्य विधानसभा चुनावों में कथित वोट चोरी के खिलाफ संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकाला, हालांकि पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोककर हिरासत में ले लिया। विपक्ष के इस मार्च में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेताओं ने भाग लिया।
पुलिस की हिरासत से रिहा होने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उनसे जब पत्रकारों ने पूछा कि चुनाव आयोग ने आपको नोटिस का जवाब देने को कहा है, जो आप दे नहीं रहे हैं। इस पर कांग्रेस सांसद ने कहा, 'ये चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं। हमने आपको ही दिया है, आप अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए, सबको पता लग जाएगा। ये सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, देश के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है। चुनाव आयोग जानता है कि उसका डेटा फटेगा, इसलिए उसे कंट्रोल और छिपाने की कोशिश हो रही है।'
'यह अब केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं'
राहुल गांधी ने आगे कहा, 'देखिए भारत के लोकतंत्र की हालत क्या है. 300 सांसद सिर्फ एक दस्तावेज सौंपने के लिए चुनाव आयोग से मिलने जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया. क्योंकि वे डरते हैं कि अगर 300 सांसद पहुंच गए और कहीं उनकी सच्चाई सामने आ गई तो?'
उन्होंने कहा, 'यह लड़ाई अब सिर्फ राजनीतिक नहीं रही, बल्कि यह लड़ाई अब संविधान और एक मतदाता और एक मत (One Man One Vote) के लिए है। हमने कर्नाटक में स्पष्ट रूप से दिखा दिया कि वहां ‘मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट’ था। पूरा विपक्ष इसके खिलाफ लड़ रहा है। ऐसे में अब चुनाव आयोग के लिए इसे छुपाने में बहुत मुश्किल होगी।'
साथी सांसदों के प्रति जताया आभार
राहुल ने वोट चोरी के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में साथ देने के लिए इंडिया गठबंधन के अपने साथी सांसदों के प्रति आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'जैसा कि मैंने कहा था कि यह लड़ाई अब सिर्फ राजनीतिक नहीं रही। यह लोकतंत्र और मतदान के अधिकार की रक्षा के लिए लड़ाई है और हम सभी मिलकर इसे हासिल करेंगे।'
Created On :   11 Aug 2025 7:12 PM IST














