Rahul Gandhi match fixing statement controversy: 'जब उनके पास शिकायत है, तो मिलने क्यों नहीं आ रहे? राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार

- राहुल गांधी के मैच फिक्सिंग वाले बयान पर गरमाई सियासत
- चुनाव आयोग ने राहुल से पूछे सवाल
- कांग्रेस पर कसा तंज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राहुल गांधी के एक लेख द्वारा महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोप लगाए जाने पर देश की सियासत गरमाई हुई है। अब चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों को लेकर बयान जारी किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, आयोग ने स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप "बेबुनियाद" हैं और अब तक उन्होंने आयोग से मिलने के लिए कोई समय नहीं मांगा है, न ही कोई औपचारिक शिकायत या पत्र भेजा है।
आयोग के मुताबिक, कांग्रेस सांसद ने दो दिन बीत जाने के बावजूद न तो आयोग से मिलने का समय मांगा है और न ही कोई शिकायत या पत्र सौंपा है। आयोग ने सवाल उठाया कि जब उनके पास शिकायत है, तो वह मिलने क्यों नहीं आ रहे?
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी को आयोग द्वारा 24 दिसंबर 2024 को विधिवत जवाब दिया जा चुका है, जो कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आयोग ने कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को सलाह दी है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के सभी बूथों पर बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त करें और मतदाता सूची के अद्यतन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। यह प्रक्रिया हर साल चुनावों से पहले नियमित रूप से होती है।
चुनाव आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के बीएलए के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पहले से ही आयोग के प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे हैं। अगर कांग्रेस इसमें भाग नहीं लेना चाहती, तो उसे यह विश्वास रखना चाहिए कि बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) जो चुनाव पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा आरपी अधिनियम 1950 की धारा 13बी(2) के अंतर्गत नियुक्त होते हैं, निष्पक्ष कार्य कर रहे हैं।
आखिरी फैसला मतदाता ही करते हैं - चुनाव आयोग
आयोग ने आगे बताया कि मतदाता सूची की तैयारी, मतदान और मतगणना की जिम्मेदारी क्रमशः ईआरओ, पीआरओ और आरओ की होती है, जो अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग के निर्देशन और नियंत्रण में कार्य करते हैं। हालांकि, अंततः फैसला मतदाता ही करते हैं कि वे किसे चुनना चाहते हैं।
भारत के मतदाता समझदार
चुनाव आयोग ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि कोई राजनीतिक दल पहले से चुनावी परिणामों को लेकर तैयारी करना चाहता है, तो उसे राजनीतिक क्षेत्र में करना चाहिए, न कि एक धारणा बनानी चाहिए कि वह "रेफरी से लड़ रहा है"। आयोग ने कहा कि भारत के मतदाता इतने समझदार हैं कि वे जान सकते हैं कि कांग्रेस हर बार चुनाव हारने के बाद आयोग पर ही आरोप क्यों लगाने लगती है।
Created On :   10 Jun 2025 12:57 AM IST