सरकार पर निशाना: सरकार सिर्फ MSP की घोषनाएं कर रही है, लेकिन हकीकत में कुछ खरीद नहीं रही -कांग्रेस

सरकार सिर्फ MSP की घोषनाएं कर रही है, लेकिन हकीकत में कुछ खरीद नहीं रही -कांग्रेस
  • MSP की घोषणा बड़ी-बड़ी बातें सच्चाई आपके सामने-सुरजेवाला
  • संसद की एग्रीकल्चर स्टैंडिंग कमेटी ने रिपोर्ट जारी की
  • MSP गारंटी का कानून बनाओ, खेती-किसानी से टैक्स हटाओ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कई फसलों की एमएसपी पर की गई बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा है। न्यू दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया के सामने सरकार पर निशाना साधा । कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने कहा मोदी सरकार द्वारा कल MSP की घोषणा हुई, जिसमें बड़ी-बड़ी बातें हुईं, लेकिन सच्चाई आपके सामने है। देश के किसान लागत+50% मुनाफे के नाम पर ठगे जा रहे हैं। MSP पर फसल खरीद के लिए आँसू बहा रहे हैं और मोदी जी किसान की आय की वृद्धि के जुमले सुना रहे हैं।

मोदी सरकार ने किसान और खेती पर घात लगाकर हमला किया है। जुमले का व्यापार है, वादों की घोषणा है, योजनाओं का अंबार है और किसानों में हाहाकार है। MSP अब maximum suffering for producers बन गया है। C2+50%- स्वामीनाथन की सिफारिश, जिसे सरकार लागू कर देने की बात करती है, वह अब जुमलानाथन बन गया है। पिछले 11 साल में समर्थन मूल्य की घोषणा की एक झूठी अदायगी हो रही है। C2 मतलब- इनपुट कास्ट, फ़ैमिली लेबर और ज़मीन का किराया है। नरेंद्र मोदी आज भी दावा करते हैं कि हम C2+50% देते हैं, लेकिन सच क्या है, वो जानना भी बहुत जरूरी है।

2023-24 के कृषि मंत्री के कृषि मंत्रालय के आंकड़े सार्वजनिक हैं। हिंदुस्तान में गेहूं और धान को छोड़कर मोदी सरकार कोई फसल MSP पर खरीदती ही नहीं है। सरकार सिर्फ MSP की घोषनाएं कर रही है, लेकिन हकीकत में कुछ खरीद नहीं रही।

• जौ का उत्पादन हुआ 16 लाख 53 हजार टन, मोदी सरकार ने MSP पर कुछ भी नहीं खरीदा

• जवार का उत्पादन हुआ 47 लाख 37 हजार टन, मोदी सरकार ने खरीदा 3 लाख 23 हजार टन

• मक्के का उत्पादन हुआ 376 लाख 65 हजार टन, मोदी सरकार ने खरीदा 5 हजार टन

• बाजरा का उत्पादन हुआ 107 लाख 16 हजार टन, सरकार ने खरीदा करीब 7 लाख टन

• रागी का उत्पादन हुआ 16 लाख 70 हजार टन, मोदी सरकार ने खरीदा 2 लाख 31 हजार टन

• चने का उत्पादन हुआ 115 लाख 76 हजार टन, मोदी सरकार ने खरीदा 43 हजार टन

• सरसों का उत्पादन हुआ 131 लाख 61 हजार टन, मोदी सरकार ने खरीदा 12 लाख 9 हजार टन

ऐसे में जब सरकार को फसलें खरीदनी ही नहीं है तो MSP का मतलब क्या है? एक तरफ महंगाई है, उसके ऊपर से सरकार डीजल, बिजली और बीज के दाम बढ़ाती जा रही है और खाद की सब्सिडी काट ले रही है। संसद की एग्रीकल्चर स्टैंडिंग कमेटी है ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि

• MSP गारंटी का कानून बनाओ

• खेती-किसानी से टैक्स हटाओ

इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री ने रद्दी में फेंक दिया।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा मोदी सरकार को खेत और किसान से इतनी नफरत है कि इन्होंने 3 लाख करोड़ रुपए खर्च ही नहीं किए। ये पैसा खेती से जुड़ी योजनाओं का है। ये डाटा सरकार के बजट का है। मोदी सरकार किसानों से कहती है कि हमने रेट बढ़ा दिया है, ताली बजाओ, जबकि इसमें उल्टा किसान को नुकसान होने वाला है। पिछले साल के रेट पर 138 रुपया महंगाई का आना चाहिए, चीजें महंगी हो रही हैं, लेकिन किसान को केवल 69 रुपए दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को देश के लाखों किसानों को इसपर जवाब देना चाहिए।

Created On :   29 May 2025 6:33 PM IST

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