SIR Update: सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने एसआईआर को लेकर दी ये दलील, कहा- 'मतदाताओं के जाली हस्ताक्षर करके उन्हें..'

- आरजेडी ने SIR को लेकर कोर्ट में लगाया आरोप
- एडीआर ने कहा कि आयोग मृत लोगों के भर रहे फॉर्म
- कोर्ट ने आयोग को कही ये बात
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर शुरूआत से ही मामला गरमाया हुआ है। इस बीच यह केस सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। जिसकों लेकर याचिकाकर्ताओं ने अदालत में चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए थे। इस दौरान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और आरजेडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर में अनियमितताएं बरती जा रही है। याचिकाकर्ता ने कहा, "बीएलओ खुद गणना फॉर्म पर हस्ताक्षर करते पाए गए। मृत लोगों को फार्म भरते हुए दिखाया गया और जिन लोगों ने फार्म नहीं भरे थे, उन्हें यह संदेश दिया गया कि उनके फार्म पूरे हो गए हैं।"
चुनाव आयोग ने इन दावों का विरोध किया है और कहा कि इस प्रोसेस में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने बीते शनिवार को कोर्ट में कहा कि आयोग के आंकड़े को मायने नहीं रखते हैं। इस प्रक्रिया में फॉर्म भरने के लिए बिना दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है, जिसके बाद फॉर्म जमा किए हैं।
मारने वाले लोगों के किए फॉर्म जमा- एडीआर
आरजेडी ने आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा, "चुनाव आयोग की ओर समय पर लक्ष्य को पूरा करने के लिए मतदाताओं की जानकारी या सहमति के बिना बीएलओ की ओर से बड़े पैमाने पर गणना फॉर्म अपलोड किए जा रहे हैं। कई मतदाताओं ने बताया है कि उनके फॉर्म ऑनलाइन जमा कर दिए गए हैं, जबकि उन्होंने कभी किसी बीएलओ से मुलाकात नहीं की और न ही किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।" इसके अलाव एडीआर ने कहा कि आयोग ने मृत लोगों के भी फॉर्म जमा कर लिए हैं।
अदालत को दिए गए जबाव में आरजेडी ने कहा, "मीडिया रिपोर्टों में ऐसे अनगिनत उदाहरण दिए गए हैं जहां मतदाताओं ने शिकायत की है कि बीएलओ उनके घर या मोहल्ले में नहीं आए। बीएलओ फॉर्म पर मतदाताओं के जाली हस्ताक्षर करके उन्हें अपलोड करते भी पाए गए।"
सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अलगी सुनवाई 28 जुलाई को होगी। चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को सही ठहरा रहा है क्योंकि एसआईआर के तहत अयोग्य व्यक्तियों के नाम हट जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बीती 10 जुलाई के फैसले में कहा कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड पर आयोग विचार कर सकता है।
Created On :   27 July 2025 8:15 PM IST