बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तारापुर की राजनीति में शकुनी चौधरी का दबदबा, सन्यांस लेने के बाद उनके बेटे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी चुनावी मैदान में

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में तारापुर विधानसभा सीट मुंगेर जिले में आती है, संसदीय क्षेत्र जमुई लगता है। 1951 में गठन होने के बाद अब तक यहां 19 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें दो उपचुनाव शामिल हैं। अब तक कांग्रेस ने 5 बार, जेडीयू ने 6 बार, 3 बार आरजेडी, संयुक्त समाजवादी पार्टी, शोषित दल, जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी एक-एक बार इस सीट पर जीत हासिल की है। यहां की प्रमुख जीविका कृषि है, विकास में पिछड़ा तारापुर धीरे धीरे व्यापार और शिक्षा भी केंद्र बनता जा रहा है।
तारापुर की क्षेत्रीय राजनीति में शकुनी चौधरी का दबदबा रहा है, उन्होंने कुल 6 बार यहां से जीत दर्ज की है, जबकि उनकी पत्नी पार्वती देवी भी एक बार जीत चुकी है। शकुनी चौधरी को दलबदलू नेता कहा जाता है, दल बदलने में माहिर नेता के तौर पर प्रचलित शकुनी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर, कांग्रेस, समता पार्टी ,आरजेडी,जेडीयू और हम के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा है। शकुनी राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 2015 में हारने के बाद 2019 में राजनीति से संन्यास ले लिया, उनके बेटे सम्राट चौधरी, अब बिहार के डिप्टी सीएम हैं
तारापुर में 15.1% अनुसूचित जाति , 6.8% मुस्लिम मतदाता और करीब साढ़े बारहें फीसदी शहरी वोटर्स हैं। यहां हर चुनाव में वोट परसेंट में निरंतर वृद्धि होती है। तारापुर की राजनीति में ओबीसी, विशेषकर कुशवाहा (कोइरी) समुदाय के मतदाताओं का बोलबाला है, निर्णायक भूमिका में होने के चलते अधिकतर विधायक इसी जाति से निर्वाचित हुए है। चाहे फिर वो किसी भी चुनावी दल से हो। बीजेपी ने सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनातक इन्हीं वोट बैंक को साधने की रणनीति है। तारापुर में एनडीए की मजबूत पकड़ है।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।
Created On :   21 Oct 2025 1:22 PM IST