Three language policy controversy: 'मराठी मानुष की शक्ति के आगे हार गई सरकार ..', महाराष्ट्र सरकार के त्रिभाषा नीति पर आदेश वापस लेने के फैसले पर बोले उद्धव ठाकरे

- हिंदी की अनिवार्यता को लेकर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला
- त्रिभाषा नीति को किया स्थगित
- उद्धव ठाकरे ने बताया महाराष्ट्र की जनता की जीत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने त्रिभाषा नीति पर फिलहाल रोक लगा दी है। जनता और विपक्षी दलों के विरोध के बाद सरकार द्वारा वापस लिए गए इस फैसले पर पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे मराठी मानुष की बड़ी जीत बताया और फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को यह अहसास नहीं था कि मराठी मानुष इस तरह से एकजुट हो जाएगा।
उद्धव ने कहा, 'मराठी मानुष की शक्ति के आगे सरकार हार गई। सरकार ने जीआर वापस ले लिया ताकि मराठी मानुष 5 जुलाई के मोर्चे के लिए एकजुट न हो पाएं।' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी भाषा पर जीआर वापस लिए जाने के बाद 5 जुलाई को विजय मोर्चा निकाला जाएगा। बता दें कि त्रिभाषा नीति के विरोध में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने 5 जुलाई को मार्च बुलाने की घोषणा की थी। दोनों भाई करीब 20 साल बाद एक मंच पर नजर आने वाले थे।
सीएम फडणवीस ने किया आदेश पर रोक लगाने का ऐलान
इससे पहले सीएम फडणवीस ने त्रिभाषा नीति पर फिलहाल रोक लगाने का ऐलान किया। उन्होंने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ रविवार (29 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "राज्य में त्रिभाषा फार्मूले के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। जब तक समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करती, सरकार ने दोनों सरकारी प्रस्तावों (16 अप्रैल और 17 जून के) को रद्द कर दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, यह समिति सभी संबंधित पक्षों से चर्चा करेगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही त्रिभाषा नीति लागू की जाएगी। इसलिए त्रिभाषा नीति पर जारी दोनों शासकीय आदेश (जीआर) रद्द किए जा रहे हैं। हमारे लिए इस नीति का केंद्र बिंदु मराठी ही रहेगा।"
उद्धव पर साधा निशाना
उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए सीएम फडणवीस ने कहा, "मराठी के संदर्भ में जो सो रहे हैं उन्हें उठाया जा सकता है, लेकिन जो दिखावा कर रहे हैं, उन्हें नहीं। कर्नाटक और यूपी जैसे राज्यों ने अपनी शैक्षणिक नीति लागू कर दी है। 16 अक्टूबर 2020 को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एक जीआर (सरकारी आदेश) जारी किया गया था। इसके तहत रघुनाथ माशेलकर की अध्यक्षता में 18 सदस्यों की एक समिति गठित की गई थी।"
Created On :   29 Jun 2025 10:50 PM IST