ABVP Protest: योगी सरकार के मंत्री के घर हुई पत्थरबाजी, बेटे ने कहा- दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

योगी सरकार के मंत्री के घर हुई पत्थरबाजी, बेटे ने कहा- दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
  • एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने ओपी राजभर के आवास पर किया प्रदर्शन
  • कुछ अराजक तत्वों ने फेंके पत्थर
  • बाराबंकी मामले का जिक्र करते हुए बेटे ने पिता का किया बचाव

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के सरकारी आवास पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) ने जोरदार हंगामा किया। इसके साथ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए उनका पुतला दहन भी किया। जानकारी के मुताबिक राजभर ने बाराबंकी में श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर बयान दिया था। वहीं, उनके बेटे ने दावा किया कि कार्यकर्ताओं ने उनके पिता के घर पर पत्थरबाजी भी हुई हैं।

दोषियों के खिलाफ की जाए कड़ी कार्रवाई

सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर के मुताबिक, राजभर के आवास पर कुछ अराजक तत्व पत्थर फेंके और इसके साथ ही उन्हें गाली भी दी गई। उन्होंने कहा कि इस अति पिछड़े वर्ग के नेता के खिलाफ इस प्रकार की व्यवहार सही नही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह सरासर गुंडागर्दी है। उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार से लोगों ने विरोध किया है वह छात्र का परिचय नहीं हो सकता है।

अरुण राजभर ने कहा कि आंदोलनकारियों ने एक व्यक्ति विशेष को गाली नहीं दी है बल्कि पूरे समाज को अपशब्द कहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को परेशानी है तो वह सीएम, पीएम के पास शिकायत लेकर जाएं। देश कानून और संविधान से चलता है। उन्होंने अपने पूरे बयान में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का जिक्र नहीं किया है।

उनका कहना है कि यह पूरी तरह से गुंडागर्दी है और लोगों में विभेद पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बाराबंकी मामले का जिक्र करते हुए अपने पिता और काबीना मंत्री का बचाव भी किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कानून हाथ में लेता है तो उन पर पुलिस कार्रवाई करती है, उसमें लगत क्या है?

ओपी राजभर ने क्या दिया था बयान?

विश्वविद्यालय के मामले में ओपी राजभर ने कहा था कि कानून अपने हाथ में लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को इजाजत नहीं देता है। यहां लोकतंत्र चलता है। इस मामले में किसी को परेशानी होती है तो वे शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रमुख सचिव से मिलते है। अगर कही भी आपकी बात नहीं सुनी जाती है, उसके बाद धरना दे सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार का काम करता है तो पुलिस ऐसी ही कार्रवाई करती है।

Created On :   4 Sept 2025 1:45 AM IST

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