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आरसीए चुनावों के लिए नामांकन के समय मचा बवाल

जयपुर, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के कार्यालय पर चुनावों के नामांकन के आखिरी दिन बुधवार को राजनीतिक बवाल मच गया। नागौर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रामेश्वर डुडी, जिन्हें मंगलवार को चुनाव लड़ने के अयोग्य बता दिया था, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ नामांकन दाखिल करने आए। उन्हें नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थन प्राप्त है।
शाम 4:30 बजे तक उन्हें हालांकि अयोग्य घोषित कर दिया गया और इससे वैभव के निर्विरोध आरसीए अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया।
इससे पहले, मंगलवार को बेनीवाल ने मुख्यमंत्री पर गंदी राजनीति करने और डुडी को हटाने के आरोप लगाए थे। अपने ट्वीट में बेनीवाल ने आरएलपी कर्मचारियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में सवाई माधव सिंह स्टेडियम पहुंचने की गुहार लगाई थी ताकि डुडी का समर्थन किया जा सके।
स्टेडियम पर सुबह काफी भीड़ देखी गई जिसके कारण पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात रहा। पुलिस ने डुडी के समर्थन में आए आरएलपी कर्मचारियों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया। अंतत: डुडी ने अपना नामांकन भरा जिसे शाम तक संबंधित अधिकारियों ने निरस्त कर दिया।
डुडी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धृतराष्ट्र बन गए हैं, जिन्हें सिर्फ अपने बेटे की चिंता है और किसी बात की नहीं।
संवादताताओं से बात करते हुए डुडी ने कहा, सीपी जोशी, आरसीए अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और राज्य का हर नागरिक इसे देख रहा है। वह तानाशाही दिखा रहे हैं जबकि चुनाव अधिकारी और उनकी टीम सभी नियमों का उल्लंघन कर रही है। नामांकन भरने का समय एक बजे तक का था लेकिन हमें पुलिस और लाठियों की मदद से रोका गया। हालांकि हमने नामांकन भर दिया था।
उन्होंने कहा, मंगलवार को हमने लोकपाल से अपील की थी कि वह हमें नामांकन भरने की इजाजत दे। उन्होंने हमसे साफ कह दिया था कि हमें वोट करने का पूरा अधिकार है। लेकिन सरकार लोकपाल का सम्मान नहीं करती। हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।