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सहवाग-गंभीर DDCA क्रिकेट कमेटी में, हितों के टकराव को लेकर उठे सवाल

हाईलाइट
- DDCA ने सिलेक्टर चुनने वाली कमेटी में गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग को शामिल किया है।
- तीन सदस्यीय कमेटी में वीरेन्द्र सहवाग के अलावा आकाश चोपड़ा और राहुल संघवी है।
- गौतम गंभीर कमेटी में स्पेशल इन्वाइटी की भूमिका में नजर आएंगे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) ने बुधवार को सिलेक्टर चुनने वाली कमेटी में भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाजों की जोड़ी गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग को शामिल किया है। तीन सदस्यीय कमेटी में वीरेन्द्र सहवाग के अलावा आकाश चोपड़ा और राहुल संघवी है। वहीं गौतम गंभीर कमेटी में स्पेशल इन्वाइटी की भूमिका में नजर आएंगे। डीडीसीए अध्यक्ष रजत शर्मा की ओर से यह जानकारी दी गई है।
हितों के टकराव को लेकर सवाल
शर्मा गुट के सत्ता में आने के बाद यह तय था कि गंभीर को अहम भूमिका मिलेगी। सहवाग की एक क्रिकेट अकादमी है और वह इंडिया टीवी से भी जुड़े हैं। संघवी आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस से जुड़े हैं, जबकि आकाश विभिन्न चैनलों पर कमेंट्री करते हैं। दोनों मुंबई में रहते हैं। रजत शर्मा ने बताया कि इस कमेटी के पास कोच और चयनकर्ताओं को चुनने के अलावा खेल से जुड़े अन्य मामलों में फैसला लेने के अधिकार होंगे। उन्होंने कहा कि यह कमेटी जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों और बीसीसीआई के निर्देशानुसार काम करेगी। हालांकि कहानी इसके उलट नजर आ रही है।
योग्य क्रिकेटरों की बताई कमी
गौतम गंभीर ने अभी क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है। ऐसे में वे चयनकर्ताओं का चयन कैसे कर सकते हैं? वहीं, चयनकर्ता उन्हें चुनेंगे? डीडीसीए सचिव विनोद तिहाड़ा यह पूछने पर कि क्या उन्हें चयनकर्ताओं और कोचों के चयन में बोलने का अधिकार होगा, उन्होंने कहा,‘ निश्चित तौर पर। मैं हितों के टकराव पर आपका सवाल समझ सकता हूं, लेकिन अगर हम लोढ़ा समिति के सुझावों पर शब्दशः अमल करें तो क्रिकेट समिति में इतने योग्य लोग नहीं आ सकेंगे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।