मध्यप्रदेश: फर्जी डक्यूमेंट के जरिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की हुई भर्ती, दलित पिछड़ा समाज संगठन का आरोप बिना वैरीफिकेशन के दी गईं नियुक्तियां

फर्जी डक्यूमेंट के जरिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की हुई भर्ती, दलित पिछड़ा समाज संगठन का आरोप बिना वैरीफिकेशन के दी गईं नियुक्तियां
  • फर्जी डक्यूमेंट के जरिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की हुई भर्ती
  • दलित पिछड़ा समाज संगठन ने लगाया बड़ा आरोप
  • बिना वैरीफिकेशन के दी गईं नियुक्तियां

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भोपाल में दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने महिला बाल विकास विभाग द्वारा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा दतिया जिले के तीनों विकास खंड में कुल 270 पदों की भर्ती के लिए करोड़ो रुपए ऐंठे गए। पूरी प्रक्रिया में अंक के लिए विवाहित को अविवाहित बताया। मार्कशीट भी कॉलेजों से फ़र्ज़ी तैयार कराई गई। उन्होंने मांग की है कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले स्तर पर की गई गड़बड़ी की जाँच तीन सदस्यीय आईएएस अधिकारियों की कमेटी से कराई जाए। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता का उल्लंघन हुआ। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए दावा आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि से पहले पोर्टल को पूर्व में ही बंद कर दिया गया। फर्जी अंकसूची, फर्जी बीपीएल कार्ड का उपयोग हुआ है। संगठन ने आरोप लगाया कि आंगनवाड़ी केंद्र चौबाया में रिमझिम चतुर्वेदी वहाँ की मूलनिवासी नहीं हैं।

आंगनवाड़ी केंद्र वार्ड नंबर 2 में सहायिका के रूप में चयनित बबीता रायकवार विवाहित हैं। उनके पति उत्तर प्रदेश के बबीना जिले के रहने वाले हैं। हक कोरी और ⁠शिवानी अहीरवार के आंगनवाड़ी केंद्र में बीपीएल अपलोड होने के बावजूद 2 अंक काटे गए।

⁠अधिकारियों द्वारा बिना जांच पड़ताल के ही नियुक्ति दी गई। संगठन का कहना है कि जांंच होने पर प्रदेश लेवल पर करोंड़ो का घोटाला निकलकर समाने आएगा। अगर जांच नहीं की जाती है तो संगठन और पार्टी आंदोलन करेगी।

Created On :   14 Sept 2025 2:09 AM IST

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