MP News: वीआईटी की घटना को मंत्री कृष्णा गौर ने बताया प्रबंधन की चूक, छात्रों की सुरक्षा के दिए निर्देश

वीआईटी की घटना को मंत्री कृष्णा गौर ने बताया प्रबंधन की चूक, छात्रों की सुरक्षा के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को वीआईटी का दौरा करने भेजा। जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने घटना की जानकारी ली।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सीहोर के आष्टा स्थित वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) में मंगलवार रात में हुई घटना पर गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को वीआईटी का दौरा करने भेजा। जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने घटना की जानकारी ली। जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला प्रशासन के साथ बैठक के कृष्णा गौर ने कहा कि वीआईटी में छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था।

छात्रों ने भोजन और पेयजल की गुणवत्ता और हॉस्टल प्रबंधन से संबंधित शिकायतें सामने रखी थीं। उन्होंने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच कर उचित और स्थायी समाधान करें। कॉलेज में कानून व्यवस्था बनायें रखें। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त किया कि सरकार विद्यार्थियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। किसी भी छात्र को परेशानी न हो, इसके लिए कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। वीआईटी कॉलेज में भविष्य में ऐसी परिस्थितियां न बनें, इसके लिए प्रबंधन को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। गौर ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया।

प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है। छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम को तुरंत कैंपस भेजकर छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। भोजन और पानी के नमूने लेकर लैब परीक्षण के लिए भेज दिए गए हैं। हॉस्टल, फूड क्वालिटी और पानी की व्यवस्था की समीक्षा कर कार्रवाई की जायेगी। विरोध के दौरान परिसर में कुछ वाहनों व संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस और जिला प्रशासन ने छात्रों से संवाद कर स्थिति को नियंत्रित किया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक बल की तैनाती की गई है।

उन्होंने घटना को यूनिवर्सिटी प्रबंधन की चूक बताया। गौर ने कहा कि कॉलेज प्रबंधन ने बच्चों की भावनाओं को समझने में चूक की है। प्रबंधन को एहसास नहीं था कि मामला इतना बड़ा हो जाएगा। 600 बच्चों के बीमार होने की अफवाह भी फैली थी। 23 छात्र और 13 बच्चियां बीमार थीं। 36 बच्चों को कॉलेज प्रबंधन से बच्चों को परिवार को सौंप दिया था। भोजन और दूषित पानी की शिकायत की जांच कराई गई थी, जो सही पाई गई। डॉक्टरों ने भी पानी और भोजन की वजह से छात्रों को बीमार होना नहीं बताया था। कारण कुछ और रहा होगा, जिसे समझने में देरी हुई। आगजनी को लेकर गौर ने कहा किसने वाहन जलाए और इसमें कौन लोग शामिल है। यह जांच का विषय है।

Created On :   28 Nov 2025 10:23 PM IST

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