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महावितरण व महापारेषण में नियोजन की कमी, भुगत रही जनता
- समय रहते नहीं उठाए कदम
- सिस्टम में ढेरों खामियां
डिजिटल डेस्क, नागपुर। समय रहते शहर में सब स्टेशन का जाल बिछा दिया जाता तो शहर में बिजली गुल की समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाती। इसके लिए ऊर्जा विभाग के साथ ही महावितरण व महापारेषणमहावितरण व महापारेषणदोनों जिम्मेदार है। सब स्टेशन के लिए जगह तय हुई, लेकिन समय पर ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं होने से पुराने ट्रांसफार्मरों पर एकदम से लोड बढ़ गया है। रामबाग में कई वर्षों पूर्व जगह तय हो गई, लेकिन अभी तक यहां महापारेषण का सब स्टेशन खड़ा नहीं कर सकी। इसी तरह बेलाहरी में महावितरण का सब स्टेशन स्थापित नहीं हो सका है।
समस्या खत्म हो सकती थी : 33/11 केवी तक के सब स्टेशन बनाने की जिम्मेदारी महावितरण की है, वहीं इससे अधिक के सब स्टेशन महापारेषण बनाती है। कई वर्षों पूर्व रामबाग में महापारेषण ने सब स्टेशन के लिए जगह का चयन किया। बुनियादी व्यवस्था भी यहां हो गई, लेकिन अभी तक सब स्टेशन खड़ा नहीं हो सका। अगर यहां सब स्टेशन बना तो दक्षिण नागपुर में बिजली गुल की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी। इसी तरह महावितरण ने बेलाहरी में सब स्टेशन के लिए जगह तय की। अगर यह सब स्टेशन तय समय पर बन जाता तो शहर से सटे एरिया (बेसा, बेलतरोडी, बेलाहरी) में बिजली की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी। इसके अलावा भी कई जगह सब स्टेशन बनाने की जरूरत है। गर्मी के दिनों में रात को लोड इतना ज्यादा बढ़ जाता है, कि कई जगह फ्यूज उड़ जाते हैं। कई बार तो एलटी जल जाते हैं।
ऊर्जा मंत्री नागपुर से : उपमुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर से हैं। पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व डा. नितीन राऊत भी नागपुर से हैं। ऊर्जा मंत्रालय नागपुर की झोली में होने के बावजूद शहरवासी गर्मी में पसीने से तर हो रहे हैं। शीघ्र ही सब स्टेशन बनाने का दावा शासन व प्रशासन करते रहता है। लोडशेडिंग नहीं होने के बावजूद शहर में हर दिन अघोषित लोड शेडिंग की मार जनता सह रही है।
Created On :   23 May 2023 12:17 PM IST