उचित दाम के इंतजार में किसानों के घरों में पड़ा सफेद सोना,

उचित दाम के इंतजार में किसानों के घरों में पड़ा सफेद सोना,
झेल रहे आर्थिक संकट

डिजिटल डेस्क, वरोरा (चंद्रपुर)। किसानों के कपास की फसल को सफेद सोना माना जाता है। कपास को सही कीमत नहीं मिलने से कई किसानों ने दाम बढ़ने की आस लगाकर कपास का स्टाॅक घर में करके रखा है। कपास घर में होने और सही कीमत न मिलने से किसान इस सीजन में आर्थिक संकट में पड़ गया है।

किसान निरंतर प्राकृतिक आपदाओं का सामना खेती में कर रहे हैंै। इस वर्ष किसानों को कपास के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार से कपास का सही दाम न मिलने की बात किसान कह रहे हंै। कपास को उचित दाम नहीं मिलने के कारण कपास के ढेर किसानों के घर में पड़े हैं। उचित दाम न मिलने के कारण किसान चिंतित और हताश हैं। पिछले वर्ष कपास की कीमत अच्छी होने के कारण किसानों ने कपास की बुआई बढ़ा दी और सरकार कपास का उचित मूल्य देगी इस उम्मीद से कपास का स्टाॅक घर में करके रखा। लेकिन अब मई का महीना आ गया फिर भी कपास की कीमत में वृद्धि न होकर दिन-ब-दिन लगातार घट रही है। इससे किसानों को अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

आज या कल दाम बढ़ेंगे इस उम्मीद में किसान कपास नहीं बेच रहे हैं। मार्च, अप्रैल बीत जाने के बाद अब मई आ गया कुछ दिनों बाद जिनिंग बंद हो जाएगी, लेकिन कपास की कीमत में वृद्धि को लेकर जनप्रतिनिधि व सरकार कब गंभीरता से लेगी? इस पर किसानांे का ध्यान लगा है। घर में कपास रखने से मच्छर पैदा होने से किसानों के परिवारों में चर्म रोग होने की बात भी कही जा रही है। इसलिए किसानों ने मांग की है कि सरकार किसानों के इस सफेद सोने को सही कीमत देकर उन्हें वित्तीय संकट से मुक्त करे।

Created On :   17 May 2023 9:24 AM GMT

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