घर की जिम्मेदारी से ज्यादा अपनी ड्यूटी को महत्व देते हुए गभर्वती महिलाओं का कराया सुरक्षित प्रसव "खुशियों की दास्ताँ"!

Giving importance to their duty more than the responsibility of the house, the pregnant women got safe delivery Happy Story!
घर की जिम्मेदारी से ज्यादा अपनी ड्यूटी को महत्व देते हुए गभर्वती महिलाओं का कराया सुरक्षित प्रसव "खुशियों की दास्ताँ"!
घर की जिम्मेदारी से ज्यादा अपनी ड्यूटी को महत्व देते हुए गभर्वती महिलाओं का कराया सुरक्षित प्रसव "खुशियों की दास्ताँ"!

डिजिटल डेस्क | सिवनी सिस्टर इंचार्ज श्रीमति सी.खान जो विगत 30 वर्षो से जिला चिकित्सालय सिवनी के मेटरनिटी वार्ड में कार्यरत है। कोविड महामारी के दौरान सिस्टर इंचार्ज सी. खान के द्वारा माह अप्रैल एवं मई में कुल 634 गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलेवरी करवाई गई जिसमें 10 कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी। सिस्टर इंचार्ज सी.खान ने बताया कि कोविड महामारी के अधिक प्रकोप के समय हमारे लिये डिलीवरी करवाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसमें स्वयं एवं अपने परिवार को साथ ही पेंशेंट के रिश्तेदारो को कोविड से बचाते हुए कार्य करना बहुत मुश्किल लग रहा था।

किंतु मैने चिकित्सक स्टॉफ एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ आपस में सामंजस्य बनाकर मरीजों को अच्छी सेवाएं देने का भरसक प्रयास किया गया। कोविड पॉजिटिव मरीजों की डिलीवरी के लिये ट्रामा यूनिट में एक अलग सेटअप किया गया जिसकी सभी व्यवस्थाएं मेरे द्वारा किया गया जो ड्यूटी से काफी अलग था। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ विनोद नावकर व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश्वरी कुशराम का उचित मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। जिससे मुझे कार्य करने मे आसानी हुई।

कोविड पॉजिटिव पेंशेंट की डिलेवरी के बाद पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में एक अलग से रूम दिया गया जहां पर नार्मल डिलीवरी एवं सीजर वाले पेंशेंट को रखा जाता था। जैसे ही कोई पेंशेंट कोविड पॉजिटिव आती थी तो तुरंत लेबर रूम स्टॉफ के द्वारा पेंशेंट को क्लीनिकली चेकअप के बाद ड्यूटीरत डॉक्टकर को सूचित किया जाता था। एवं उस पेंशेंट को नार्मल डिलीवरी या सीजर के तुरंत बाद मेटरनिटी वार्ड एवं लेबर रूम को तुरंत फ्यूमिगेट करवाया जाता था।

ताकि कोविड का कोई संक्रमण न फैले। उस परिस्थिति में मैने ड्यूटी से घर जाने का टाईम भी नही देखा। कई बार ऐसी दिक्कत आती थी कि खाना तक नही खाया करते थे ओर खाना घर वापस जाया करता था। उस समय कोविड को देखते हुए हमारे लिये खाना से ज्यादा जरूरी पेंशेंट की जान बचाना होता था। इस तरह से मैने कोविड महामारी के दौरान अपना कार्य पूर्ण लगन एवं निष्ठा के साथ किया। उस समय घर में मेरी बहु गर्भवती थी उसकी देखभाल भी मुझे ही करनी पड़ती थी। फिर भी मैने घर की जिम्मेदारी से ज्यादा अपनी ड्यूटी को महत्व दिया क्योकि गभर्वती माताओं का सुरक्षित प्रसव हो एवं बच्चा भी सुरक्षित रहे। इस कोविड महामारी के दौरान मुझे कार्य करने का मौका मिला जिसका मुझे गर्व है।

Created On :   5 Jun 2021 2:42 PM IST

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