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Women Police Training Camp Protest: उत्तर प्रदेश के पीएसी ट्रेनिंग कैंप की महिला कांस्टेबलों ने किया विरोध प्रदर्शन, मूलभूत सुविधाओं के लगाए आरोप

- ट्रेनिंग कैंप में महिला कांस्टेबल की गोपनियता का हो रहा हनन
- फिजिकल ट्रेनर को किया निलंबित
- सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी देने वालों खिलाफ होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) ट्रेनिंग कैंप की महिला कांस्टेबल विरोध प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ट्रेनिंग सेंटर में उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। ये प्रदर्शन बुधवार को 26वीं बटालियान ने किया। इसमें करीब 598 महिला ट्रेनी ने भाग लिया था, जो 2023 बैच की है।
ट्रेनी महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें पीने के लिए न तो साफ पानी मिल रहा है, न नियमित बिजली और शौचालय की स्थिति भी सही नहीं है। कई छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें नहाने के लिए खुले में जाना पड़ता है क्योंकि ट्रेनिंग कैंप में नहाने की पर्याप्त सुविधाएं और सुरक्षित स्थान नहीं मिल रहा है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हो रहा है, इस वीडियो में कुछ ट्रेनी महिलाए ये बात रही है।
कैंपस के बाहर सड़क पर किया जाम
शुरूआत में इस मामले को उजागर करने के लिए ट्रेनी महिलाओं ने कैंपस के बाहर सड़क पर जाम कर दिया था। हालांकि, अधिकारियों ने उन्हें समझाकर भीतर भेज दिया था, लेकिन वे फिर प्रशासनिक भवन के बाहर धरने पर बैठ गई थी और उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, जब तक वे नहीं हटेंगी।
कुछ ट्रेनी महिलाओं ने आरोप लगाया है कि बाथरूम के पास सीसीटीवी कैमरे लगे है, इससे इनकी गोपनियता का हनन हो रहा है। हालांकि इस मामले पर पीएसी के कमांडेंट आनंद कुमार और जोन के आईजी प्रीतिंदर सिंह ने जांच करवाई है और उन्होंने दावा किया है कि ये बेबुनियाद है। बाथरूम के अंदर या पास में कोई भी कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
फिजिकल ट्रेनर को किया निलंबित
आनंद कुमार ने कहा कि शौचालय और अन्य सुविधाओं का निर्माण काम जारी है। बिजली और पानी की समस्या तकनीकी कारणों से हो रही है, इसे अब दरुस्त कर दिया गया है। वहीं, एक फिजिकल ट्रेनर द्वारा कथित आपत्तिजन शब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली थी। उसे अब निलंबित कर दिया गया है।
आईजी ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी देने वालों की पहचान कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   23 July 2025 11:42 PM IST