हिंदू राष्ट्र का यूसीसी से संबंध, नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा प्रगति के लिए सिर्फ हिंदू राष्ट्र ही एकमात्र रास्ता नहीं

हिंदू राष्ट्र का यूसीसी से संबंध, नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा प्रगति के लिए सिर्फ हिंदू राष्ट्र ही एकमात्र रास्ता नहीं
  • सामान्य नागरिक संहिता
  • यूसीसी पर बोले सेन
  • एकजुट होने की जरूरत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सियासी माहौल में इन दिनों समान नागरिक संहिता के विरोध और समर्थन में चर्चाएं तेजी से चल रही है। यूसीसी को कोई देशहित में बता रहा है तो कोई इसे धार्मिक आजादी पर प्रहार बता रहा है। विवाद के बीच नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने यूसीसी का हिंदू राष्ट्र से संबंध बताया है। सेन ने कहा है कि यूसीसी हिंदू राष्ट्र की थ्योरी से मेल खाता है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने आगे कहा कि भारत में सामान्य नागरिक संहिता लागू करना काफी मुश्किल भरा काम है। इसके लिए काफी मेहनत चाहिए।

आपको बता दें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं। सेन को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है। सेन का कहना है कि भारत में कई सारे धर्म हैं। भारत में कई रीति-रिवाज और अधिक भिन्नताएं हैं। जिन्हें हटाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि हमें उन मतभेदों को दूर करके एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने बिना देरी किए हुए यूसीसी को लागू करने की बता कही। हिंदू राष्ट्र और यूसीसी के बीच समानता के सवाल पर उन्होंने कहा कि हां, हिंदू राष्ट्र का यूसीसी से संबंध है। लेकिन प्रगति के लिए सिर्फ हिंदू राष्ट्र ही एकमात्र रास्ता नहीं है।

आपको बता दें जैसा की यूसीसी कानून को लेकर चर्चाएं चल रही है कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म, पंथ या जाति का हो। यूनीफॉर्म सिविल कोड में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक समान निष्पक्ष कानून लागू होगा। जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।

खबरों के मुताबिक केंद्र की बीजेपी सरकार आने वाले संसदीय सत्र में यूसीसी बिल को सदन में पेश कर सकती है। क्योंकि यूसीसी बीजेपी के एजेंडे में शामिल था। 2019 के आम चुनाव में यूसीसी को पूरा करने का बीजेपी ने वादा भी किया गया था। विधि आयोग ने यूसीसी को लेकर 14 जून से 30 दिनों के भीतर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से राय मांगी है। पीएम मोदी ने भोपाल में 27 जून को यूसीसी के बारे में बोलकर यूसीसी को पंख लगा दी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है और देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है।

Created On :   6 July 2023 10:25 AM IST

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