ईरान सरकार ने फिर शुरू किया गश्त ए एर्शाद पुलिस बल का गठन

ईरान सरकार ने फिर शुरू किया गश्त ए एर्शाद पुलिस बल का गठन
  • हिजाब पर नो रोक
  • महिलाओं के कपड़े को लेकर पुलिस करेगी गश्त
  • पहले हो चुका है भारी विरोध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान सरकार ने एक बार फिर गश्त ए एर्शाद पुलिस की तैनाती कर दी है। दरअसल सरकार ने इस पुलिस पर दस महीने पहले बैन लगा दिया था। उस दौरान पुलिस पर प्रतिबंध की वजह भारी तादाद में हिजाब विरोधी प्रदर्शन होना बताया गया था। दस महीने पहले गश्त ए एर्शाद पुलिस ने महसा अमीनी नाम की एक महिला को हिजाब के विरोध में गिरफ्तार कर लिया था। खबरों के मुताबिक बाद में पुलिस कस्टडी में अमीनी के साथ मारपीट की गई थी, जिसके चलते उस महिला की मौत हो गई थी। महिला की मौत के विरोध में पूरे ईरान में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे। सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी, हजारों लोगों को अरेस्ट किया गया था। अत्यधिक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने गश्त ए एर्शाद पुलिस की तैनाती को बंद कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर ईरान सरकार ने सख्त नियमों के साथ नैतिक पुलिस की तैनाती करना शुरू कर दी।

सरकार के इस कदम को लेकर कहा जा रहा है कि जिन हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के कारण पूरी दुनिया में ईरान ने सुर्खियां बटोरी थी। उसके बावजूद भी ईरान टस से मस नहीं हो रहा है। ना ही अपने रूख में बदलाव ला रहा है। ईरान हिजाब पर बैन नहीं लगा रहा है। ईरान सरकार ने फिर से गश्त ए एर्शाद की दोबारा से शुरुआत कर दी है।

पुलिस पेट्रोलिंग

आपको बता दें ईरान कानून शरिया कानून पर आधारित है, जिसमें महिलाओं को अपना सिर बुर्के से ढकना होता है और एक लंबा और ढीला-ढाला कपड़ा पहनना होता है, जिसे हिजाब कहते हैं। ईरानी सरकार का मानना है कि महिलाएं कानून के मुताबिक कपड़े पहनें, और हिजाब के इन नियमों का पालन करें। इसकी देखभाल के लिए सरकार ने ईरान में गश्त ए एर्शाद पुलिस बल का गठन किया गया है। जो महिलाओं पर नजर बनाकर रखेंगी। आपको बता दें ईरान सरकार ने गश्त ए एर्शाद पुलिस की पहली बार शुरुआत साल 2006 में की थी।

आपको बता दें गश्त ए एर्शाद के जवान हथियारों से लैस होकर पैदल या वाहनों में देश के अलग-अलग इलाकों में पेट्रोलिंग करते हैं। गश्त के दौरान यदि उन्हें कोई महिला हिजाब ना पहने या गलत कपड़ों में दिखाई दे तो इस बल के जवान उस महिला को पहले चेतावनी देते हैं। चेतावनी के बाद भी महिला हिजाब कानूनों का पालन नहीं करती है, तो पुलिस उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है और उन्हें गिरफ्तार कर डिटेंशन सेंटर्स में रखती है। जहां महिलाओं को हिजाब समेत सभी शरिया कानून का पालन करने की शिक्षा दी जाती है।

Created On :   17 July 2023 11:18 AM IST

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