मणिपुर सीएम बीरेन सिंह नहीं देंगे इस्तीफा, खुद ने ट्वीट कर दी जानकारी, फटे हुए इस्तीफे की तस्वीरें वायरल

मणिपुर सीएम बीरेन सिंह नहीं देंगे इस्तीफा, खुद ने ट्वीट कर दी जानकारी, फटे हुए इस्तीफे की तस्वीरें वायरल
  • मणिपुर में हिंसा
  • सीएम का इस्तीफा टला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में दिनभर चली हलचल के बीच सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफे को लेकर साफ कर दिया है कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। दरअसल मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सीएम के इस्तीफा देने की चर्चा तेज हो गई थी। इसकी मुख्य वजह थी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा एक रिजाइन लेटर जिसमें लिखा है कि सीएम एन बीरेन सिंह सीएम पद से इस्तीफा दे रहे हैं। यह लेटर फटा हुआ है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये इस्तीफा समर्थकों ने फाड़ा है या पहले से तस्वीर वायरल हो रही थी।

जिसके बाद शुक्रवार (30 जून) को इंफाल में मुख्यमंत्री के आवास और गवर्नर हाउस के बाहर बीरेन सिंह के समर्थक जमा हो गए जिसके बाद सीएम ने अपने आवास के बाहर एकत्रित लोगों से मुलाकात की इस दौरान समर्थकों ने इस्तीफा न देने की बात कही। हाल ही में उनका ट्वीट सामने आया जिसमें सीएम ने स्पष्ट किया कि वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं इस महत्वपूर्ण समय पर साफ करना चाहता हूं कि मैं सीएम पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।

दिनभर क्या हुआ

मणिपुर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह हिंसा के बीच आज 1 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलेंगे, खबरों के मुताबिक सीएम बीरेन सिंह की राज्यपाल से होने जा रही मुलाकात को उनके इस्तीफा से जोड़कर देखा जा रहा है। मणिपुर करीब दो माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है। सीएम सिंह राज्य में शांति स्थापित करने में विफल रहे हैं।

इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, शाह के साथ मीटिंग में 18 दलों के नेता शामिल हुए थे। बैठक में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन और सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी।

आपको बता दें मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था, जिसके बाद प्रदेश में हिंसा शुरू हो गई थी। मणिपुर में मैतेई समुदाय बाहुल्य संख्या में है, राज्य में 53 फीसदी आबादी मैतेई समुदाय की है। यहां मैतई समुदाय शुरू से ही प्रभावशाली और संपन्न रहा है। ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते है। मैतई समुदाय की अपेक्षा नगा और कुकी आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।



Created On :   30 Jun 2023 7:12 AM GMT

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