हिमाचल में कुदरती कहर: ताश के पत्तों की तरह बह गईं इमारतें, राज्य में भारी बारिश का अलर्ट, सरकार ने लोगों से की अपील

हिमाचल में कुदरती कहर: ताश के पत्तों की तरह बह गईं इमारतें, राज्य में भारी बारिश का अलर्ट, सरकार ने लोगों से की अपील
  • हिमाचल में भारी बारिश बना जिंदगी का बड़ा रोड़ा
  • लोगों के आशियाने हुए जमींदोज

डिजिटल डेस्क, शिमला। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में तबाही का मंजर अभी थमा नहीं है। प्रदेश के कुल्लू में भारी बारिश की वजह से इमारतें जमींदोज होती हुई दिखाई दे रही हैं। यहां से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। जिसने एक बार फिर से सभी को चौका दिया है। कुल्लू स्थित बस स्टैंड के पास सात इमारतें ताश के पत्तों की तरह भर भराकर नीचे गिर गई। जिस किसी ने भी यह मंजर देखा उनका दिल सहम उठा। गनीमत रही है कि तेज बारिश और हवा को देखते हुए पहले ही इन इमारतों से लोगों को निकाल लिया गया था।

जानकारी के मुताबिक, इन सात इमारतों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और कोऑपरेटिव बैंक का काम होता था, लेकिन बीते दिनों लगातार बारिश की वजह से प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए इसे खाली करा लिया था ताकि समय रहते ही जान माल की हानि को रोका जा सके। जिला कुल्लू में जुलाई अगस्त के महीने में लगातार भारी बारिश हुई है। इसी बारिश ने प्रदेश में जमकर तबाही मचाई है और ये बदस्तूर जारी है।

प्रशासन ने क्या कहा?

बताया जा रहा है कि ये घटना सुबह 9:15 पर हुई। जिले के एसडीएम नरेश वर्मा ने हादसे को लेकर बताया कि पांच दिन पहले ही इमारत में दरारें आ गई थी। इसी को देखते हुए सभी इमारतों को खाली करा लिया गया था। राहत की बात यह है कि इमारत गिरने की वजह से कोई जान माल की नुकसान नहीं हुई है। वर्मा ने आगे बताया कि, कई इमारतें गिर गई हैं और अभी एक इमारत पर खतरा बना हुआ है। इमारत की स्थिति पर प्रशासन नजर बनाए हुए हैं। मौके पर पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं। लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की गई है।

प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश पर अभी खतरा बरकरार है। आईएमडी ने बताया कि, प्रदेश के आठ जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इसलिए लोग अपना ख्याल रखे और जब भी घर से बाहर जाएं तो हर परिस्थिति में चौंकाना रहे क्योंकि मौसम का मिजाज हर क्षण में बदलता रहेगा। इसके अलावा पहाड़ी राज्य में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। पिछले एक हफ्ते के अंदर प्रदेश के 50 से ज्यादा निवासी अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि कई लोगों को गंभीर चोटे आई हैं।

Created On :   24 Aug 2023 8:00 AM GMT

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