Vice President Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों के चलते छोड़ा पद

- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा
- स्वास्थ्य कारणों के चलते छोड़ा पद
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है। इस पत्र में धनखड़ ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते वह तत्काल प्रभाव से संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत अपने इस्तीफे का ऐलान करते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया।
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों के लिए मैं हृदय से आभारी हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है। मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।"
जगदीप धनखड़ ने लिखा, "मुझे संसद के सभी माननीय सदस्यों से जो स्नेह, विश्वास और सम्मान मिला, वह जीवनभर उनके हृदय में एकत्रित रहेगा। इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य और संतुष्टि की बात रही है।"
6 अगस्त 2022 को ली थी उपराष्ट्रपति पद की शपथ
बता दें, 6 अगस्त 2022 को जगदीप धनखड़ ने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद उन्होंने मानसून सत्र के दौरान इस्तीफा दिया है। वहीं, इससे पहले मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यसभा में राजनीतिक दलों से तनाव कम करने और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि एक समृद्ध लोकतंत्र निरंतर टकराव की स्थिति में टिक नहीं सकता।
राज्यसभा की बैठक में जगदीप धनखड़ ने कहा, "राजनीति का सार टकराव नहीं, संवाद है। अलग-अलग राजनीतिक दल भले ही अलग रास्तों से चलें, लेकिन सभी का लक्ष्य देशहित ही होता है. भारत में कोई भी राष्ट्र के हितों का विरोध नहीं करता।" जगदीप धनखड़ दिसंबर 2024 में सदन में शोरशराबा कर रहे विपक्षी सांसदों से कहा था, "मैं किसान का बेटा हूं, कमजोरी नहीं दिखाऊंगा, देश के लिए मर जाऊंगा।" उनके कार्यकाल के दौरान इस बयान का भी जिक्र जरूर आएगा।
Created On :   21 July 2025 9:38 PM IST