- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- अमरावती
- /
- अमरावती जिले के 600 गट सचिवों का...
Amravati News: अमरावती जिले के 600 गट सचिवों का अस्तित्व ही खत्म!

- 24 वर्षों से भर्ती प्रक्रिया नहीं होगी
- सचिवों के नियुक्ति की जिम्मेदारी अब सेवा सहकारी संस्था पर
Amravati News जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक यह किसानों की अपनी बैंक मानी जाती है। जिले के अधिकांश किसानों के बैंक खाते जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में हैं और बैंक उन्हें बुआई से पहले फसल कर्ज भी उपलब्ध करा देती है। किसानों के फसल कर्ज के प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी बैंक से जुड़ी हुई सेवा सहकारी सोसाइटी के गट सचिवों पर रहती है। अमरावती जिला बैंक के अंतर्गत जिले में 679 सेवा सहकारी संस्था है और इन 679 संस्था के तहत पहले 600 गट सचिव कार्यरत थे। इनमें से अधिकांश यानी 99 प्रतिशत गट सचिव सेवानिवृत्त हुए हैं।
वर्ष 2001 से जिला बैंक में भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई है। इस कारण गट सचिवों की नियुक्तियां नहीं हुई। जिससे जिला बैंक के संचालक मंडल ने ग्रामीण क्षेत्र में आसपास के 5 से 6 सेवा सहकारी संस्था मिलकर एक गट सचिव नियुक्त करने का निर्णय लिया। इस गट सचिव का वेतन 10 से 15 हजार के करीब निश्चित किया जाता है और यह वेतन संबंधित संस्था अदा करती है। वर्तमान में अमरावती जिला मध्यवर्ती बैंक के तहत आनेवाली सभी सेवा सहकारी संस्था ने अपनी सुविधा के अनुसार अस्थायी रूप से गट सचिव नियुक्ति किए हैं। जो किसानों के कर्ज के प्रस्ताव बनाती है।
इन गट सचिवों को काफी कम वेतन मिलने से यह गट सचिव सेवा सहकारी संस्था के पदाधिकारियों को अंधेरे में रख कर प्रस्ताव बनाने के लिए करीब 500 रुपए की मांग संबंधित किसान से करते है। जिससे बरसों से जिला बैंक के तहत सेवा देनेवाले 600 गट सचिवों का अस्तित्व लगभग खत्म हो चुका है।
25 अनुकंपा धारक भी प्रतीक्षा में : वर्ष 2001 से पहले निवृत्त हुए गट सचिवों के पाल्यों ने अनुकंपातत्व पर नौकरी के लिए आवेदन किए थे। लेकिन उनके आवेदन भी शासन स्तर पर पिछले 24 वर्षों से विचाराधीन है। इन अनुकंपा धारकों में राहुल राऊत, सोनाली कडू, अमोल देशकर, गोपाल गावंडे, स्वप्नाली विधले, रवींद्र दाढे, पंकज कोहले, मंदा गावंडे, नरेंद्र गाठे, राजश्री बर्डे, अमोल पाटेकर, विक्रांत पिंजरकर, संतोष विरपाते, राहुल काले, अर्चना धोटे, डी. बी. सोनोने, आर. एस. रोहणकर, एन. बी. खवडे, आर. डब्ल्यू मेटकर, एस. जी. कोकाटे, एन. वी. पोतदार, वच्छलाबाई घोगरे, के. एस. बोंडे, पी. डी. कडू, एन. आर. जावरे आदि का समावेश है। जो पिछले 24 वर्षों से नौकरी की प्रतीक्षा में बैठे हुए हैं।
Created On :   10 Jun 2025 3:59 PM IST