Amravati News: अमरावती के इतवारा में पकड़ा गया एक करोड़ का प्लास्टिक

अमरावती के इतवारा में पकड़ा गया एक करोड़ का प्लास्टिक
  • करोड़ों का माल जब्त
  • अतिरिक्त आयुक्त ने की कार्रवाई

Amravati News गुरुवार को मनपा की अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक के दल ने शहर के इतवारा बाजार व गवलीपुरा क्षेत्र में कार्रवाई कर 1820 िकलो प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त किया। सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर बैन रहने के बाद भी शहर में डेली लाखों रुपयों का माल धड़ल्ले से खरीदा-बेचा जा रहा है। मनपा प्रशासन की औपचारिक कार्रवाइयों का प्रतिबंधित प्लास्टिक का व्यापार करनेवालों पर कोई असर नहीं दिख रहा। जिससे निगमायुक्त सौम्या शर्मा ने प्रतिबंधित प्लास्टिक के व्यापार पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय लेकर मनपा के दल मैदान में उतारे हंै। निगमायुक्त के आदेश पर गुरुवार को अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाइक के मार्गदर्शन में गवलीपुरा और इतवारा बाज़ार क्षेत्रों में कार्रवाई अभियान का हंटर चला।

इस अभियान में बाज़ार क्षेत्र की कई दुकानों और स्टॉल धारकों से प्लास्टिक की थैलियां, कप, प्लेट आदि प्रतिबंधित सामग्री का स्टॉक ज़ब्त किया गया। जब्त माल की कीमत 1 करोड़ से अधिक रहने की प्राथमिक जानकारी कार्रवाई दल में शामिल अधिकारियों ने सांझा की। प्लास्टिक प्रतिबंध अधिनियम का उल्लंघन करने वाले संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध भारी भरकम जुर्माना भी मनपा ने वसूला है। पहली बार बड़े पैमाने पर हुई इस कार्रवाई से संबंधितों में खलबली मची है। जानकारी है कि, कई विक्रेताओं ने अपना ऑर्डर भी कैंसल किया है।

जलापूर्ति विभाग के 88 कर्मियों को दो माह से नहीं मिला वेतन : जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में कार्यरत नियमित व ठेका पद्धति पर कार्यरत सभी 88 से अधिक कर्मियों को विगत 2 महीने से वेतन नहीं मिला है। जिससे संबधितों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसलिए संबधित कर्मियों को दो महीने का बकाया वेतन तत्काल देने के साथ ही सभी कर्मियों को समय पर वेतन देने की मांग जिप लिपिकवर्गीय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष पंकज गुल्हाने ने गुरुवार को जिला जलसंधारण अधिकारी सुनील जाधव को दिए निवेदन में की। संगठन के अध्यक्ष पंकज गुल्हाने ने जिला जल संधारण अधिकारी के ध्यान में लाया कि, 2 महीने से वेतन नहीं मिलने से संबंधित 88 से अधिक कर्मचारियों को आवास व्यय, शिक्षा, ऋण अदायगी, स्वास्थ्य बीमा जैसे सभी स्तरों पर गंभीर नुकसान हुआ है।

कई कर्मचारियों को बैंकों से नोटिस मिलने की संभावना है, जबकि कुछ का स्वास्थ्य बीमा बंद हो गया है और चिकित्सा आपात स्थिति में उन्हें सेवाओं से वंचित होना पड़ सकता है। सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, हर महीने की पहली तारीख को नियमित वेतन भुगतान लागू नहीं किया जा रहा है। सरकार ने केवल कुछ ही ज़िलों को शत प्रतिशत वेतन अनुदान उपलब्ध कराया है और शेष ज़िलों को केवल 50 फीसद ही धनराशि वितरित की गई है। जो प्रावधान में असंतुलन को दर्शा रही है। जिस पर कर्मचारी संगठन ने इन सभी मामलों की तत्काल जाँच और सभी ज़िलों को समान वित्तीय प्रावधान के साथ-साथ तत्काल वेतन भुगतान की माँग की है।


Created On :   25 July 2025 3:20 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story