Amravati News: अमरावती के वन क्षेत्र पोहरा-मालखेड में कई तेंदुओं और जंगली श्वान के पगमार्क मिले

अमरावती के वन क्षेत्र पोहरा-मालखेड में कई तेंदुओं और जंगली श्वान के पगमार्क मिले
समृद्ध वन क्षेत्र पोहरा-मालखेड (अमरावती) वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में सामने आया

Amravati News मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के बाद अब जिले का दूसरा सबसे बड़ा और समृद्ध वन क्षेत्र पोहरा–मालखेड (अमरावती) वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में सामने आया है। इस क्षेत्र में न केवल बाघ का मुक्त विचरण प्रमाणित हुआ है, बल्कि करीब 30 से अधिक तेंदुओं की उपस्थिति और पहली बार जंगली श्वान की नर-मादा जोड़ी के अस्तित्व पर भी आधिकारिक मुहर लगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यही वनों की संपन्नता अमरावती शहर की स्वच्छ हवा की असली वजह है। यही नहीं, पोहरा–मालखेड के नौ बड़े तालाबों ने शहर के भूजल स्तर को भी सहेजने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

संयुक्त ट्रैकिंग सर्वेक्षण में मिले पुख्ता संकेत : मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प, अमरावती वन विभाग, यूथ फॉर नेचर कॉन्जर्वेशन संस्था ने संयुक्त रूप से पोहरा-मालखेड के घने जंगल में ट्रैकिंग सर्वे किया। इस सर्वेक्षण में तेंदुए और जंगली श्वान की मौजूदगी के ठोस प्रमाण मिले। पेड़ों और पगडंडियों पर पंजों के निशान, मल और अन्य जैविक संकेतों ने स्पष्ट कर दिया कि यह क्षेत्र अब भी बड़ी शिकारी प्रजातियों का मजबूत अधिवास है।

वन अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र की जैव विविधता अत्यंत समृद्ध है। तेंदुए जैसे शीर्ष शिकारी का अस्तित्व इस बात का प्रतीक है कि यहां खाद्य श्रृंखला संतुलित है और पर्यावरणीय स्थिति पूरी तरह स्वस्थ है। ट्रैकिंग में वडाली वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रदीप भड़, बाबूराव खैरकर, राहुल चौहान, विशाल गायकवाड, ओंकार भूरे, संदीप चौधरी, यूथ फॉर नेचर टीम के डॉ. स्वप्निल सोनोने, पंकज बांडाबुचे, शांतनु पाटिल, वात्सल्य तोत्रे उपस्थित थे।

शुद्ध हवा में जंगल का योगदान :विशेषज्ञ मानते हैं कि अमरावती की हवा महाराष्ट्र के अन्य शहरी क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक स्वच्छ है। इसका प्रमुख कारण शहर से सटे ये घने जंगल हैं, जो लगातार कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। यही वजह है कि वायु प्रदूषण का स्तर नियंत्रित रहता है।

भारतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की हालिया रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते महीनों में अमरावती का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘अच्छे’ स्तर पर बना रहा है, जबकि राज्य के अधिकांश शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।

Created On :   4 Oct 2025 2:57 PM IST

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