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Amravati News: पर्यटकों को लुभा रही मेलघाट की खूबसूरती व जैव विविधता, 1 अक्टूबर से शुरू हो सकती है जंगल सफारी

- आठ माह में 5.89 लाख पर्यटक पहुंचे
- हुई 3.92 करोड़ की आय
Amravati News विदर्भ के नंदनवन व जिलें की शान मेलघाट टाइगर रिजर्व का नैसर्गिक सौंदर्य और समृद्ध जैवविविधता राज्य,देश व विदेशी पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण का केंद्र साबित हो रहा है। पिछले 8 महीनों में (सफारी सीजन) यहां 5.89 लाख पर्यटक पहुंचे, जिससे वन विभाग को 3.92 करोड़ रुपये की आय हुई है। वर्तमान में मानसून के कारण फिलहाल जंगल सफारी पर रोक है। आगामी दिनों में बारिश थमने के बाद व रास्तों की स्थिति को देख कर 1 अक्टूबर से सफारी शुरू करने की तैयारी है।
दूसरी ओर वन्यजीवों को नजदीक से देखने और जंगल की हरियाली का आनंद लेने के लिए पर्यटक भी बेताब हैं। मेलघाट निवर्चन संकुल से जुड़े अधिककारियो ने बताया, मेलघाट का घना जंगल और पहाड़ी इलाका, दुर्लभ वन्यजीवों की मौजूदगी, स्वच्छ हवा और नैसर्गिक शांति तथा बाघ, तेंदुआ, भालू समेत कई वन्य प्राणियों की प्रजातियों की मौजूदगी से राज्य व देशभर के पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटकों को भी यह विदर्भ का नंदनवन आकर्षित कर रहा है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा हुआ है। मेलघाट का जंगल अब सिर्फ बाघ देखने की जगह नहीं, बल्कि पर्यावरण पर्यटन का हॉटस्पॉट बन गया है।
छोटे कारोबारी और स्थानीय हस्तकला को सहारा : मेलघाट में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से मेलघाट क्षेत्र के होटलों, गाइडों, छोटे कारोबारियों और स्थानीय हस्तकला को भी बड़ा सहारा मिला है। पर्यटकों की सुविधा के लिए वन विभाग ने कई व्यवस्थाएं की हैं। जिनमें ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम, पर्यावरण-अनुकूल गेस्ट हाउस, प्रशिक्षित गाइड और सफारी वाहन सहित सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पर्यटकों के अनुभव : दिल्ली से आईं श्रद्धा मेहरा ने कहा, मेलघाट की हरियाली और यहां का सन्नाटा मन को सुकून देता है। सफारी के दौरान बाघ देखने का अनुभव अद्भुत था। वहीं नागपुर के एक पर्यटक अनिल पाटिल ने बताया, हमने यहां न सिर्फ जंगल का आनंद लिया बल्कि स्थानीय आदिवासी संस्कृति और खानपान का भी अनुभव किया। पर्यटकों के यह अनुभव विजिटर डायरी में दर्ज है।
Created On :   12 Sept 2025 3:10 PM IST