Amravati News: हाथ में जूते और कंधे पर पतलून, ऐसे करते हैं शिक्षक-छात्र नदी पार

हाथ में जूते और कंधे पर पतलून, ऐसे करते हैं शिक्षक-छात्र नदी पार
  • मेलघाट के 22 गांवों में नहीं पहुंच पाई बिजली
  • जिला परिषद शाला तक पहुंचने उफनती खंडू नदी के बीच से आना-जाना करना पड़ता है

Amravati News जिले का मेलघाट क्षेत्र आज भी विकास की बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। चिखलदरा तहसील की एकताई ग्राम पंचायत अंतर्गत खुटीदा और सुमिता सहित कुल 22 गांव आज तक बिजली से वंचित हैं। इन गांवों के शिक्षक, विद्यार्थी और ग्रामीण रोजाना कठिन परिस्थितियों का सामना करने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शासन इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा।

खुटीदा गांव की जिला परिषद शाला तक पहुंचने के लिए शिक्षकों को प्रतिदिन खंडू नदी पार करनी पड़ती है। बरसात के दिनों में यह नदी उफान पर रहती है और तेज धार में बहती है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों को जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। बच्चों के लिए भी स्कूल तक का सफर खतरनाक बन जाता है। हाल ही में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने शाला का दौरा कर शिक्षकों पर कार्रवाई की थी। मगर शिक्षकों का कहना है कि स्थानीय परिस्थितियों और उनकी विवशता को पूरी तरह नज़रअंदाज किया गया। नदी पर पुल न होने से यह समस्या और गंभीर हो गई है।

बिजली के बिना गांव, सोलर लाइट भी बंद - खुटीदा और सुमिता सहित 22 गांवों में अब तक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है। कुछ वर्ष पूर्व शासन ने इन गाँवों में सोलर लाइटें लगवाई थीं, लेकिन लापरवाही और रखरखाव के अभाव में वे भी बंद हो चुकी हैं। नतीजतन ग्रामीण फिर से अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई, महिलाओं के दैनिक कार्य और ग्रामीणों की सुरक्षा पर पड़ रहा है।

योजनाएं कागजों पर सीमित :जब शिक्षकों को स्कूल जाने के लिए अपनी जान दांव पर लगानी पड़ रही है, विद्यार्थी शिक्षा पाने के लिए संकट झेल रहे हैं और ग्रामीण अंधेरे में जी रहे हैं, तो शासन की ‘सबको शिक्षा’ और ‘हर घर बिजली’ जैसी घोषणाएं क्या सिर्फ कागज़ों तक सीमित हैं? आक्रोशित ग्रामीणों ने यह सवाल उठाया है।

ग्रामीणों और शिक्षकों ने की निदान की मांग : ग्रामीणों और शिक्षकों ने कहा कि खंडू नदी पर पुल का निर्माण कर खुटीदा शाला के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाए। मेलघाट के 22 गांवों को तत्काल बिजली आपूर्ति दी जाए। बंद पड़ी सोलर लाइटों की मरम्मत और देखभाल के लिए जिम्मेदार व्यवस्था बनाई जाए। मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। जिन शिक्षकों का तबादला हो चुका है, उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर नई नियुक्ति की जाए।


Created On :   2 Sept 2025 2:52 PM IST

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