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जिला अस्पताल का हाल, नर्सेस के भरोसे आईसीयू

विजय ऋषि , अमरावती। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमरावती जिले के पालकमंत्री हैं। लगातार जिले में उनके दौरे होते रहते हैं। इसके बाद भी जिला अस्पताल के आईसीयू (अतिदक्षता विभाग) में ड्यूटी डॉक्टर अर्थात इंचार्ज मेडिकल आॅफिसर (ईएमओ) ज्यादातर समय ड्यूटी से नदारद रहते हैं। आईसीयू नर्सें चला रहीं है जो दुनियाभर में सबसे अनोखा है। डॉक्टर रहें तो ज्यादातर समय भी पहली मंजिल पर कमरे में रहते हैं। जबकि आईसीयू में ऐसे मरीजों को रेफर किया जाता है जिनका 24 घंटे डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन के साथ ही ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की जरूरत होती है।
बिना बताए परिजन ले गए मरीज : शुक्रवार की सुबह 4 बजे हृदय की समस्या के चलते मरीज राजेश पुंडलिक तायवाडे (49) कैजुअल्टी में पहुंचा। हालत गंभीर होने से आईसीयू में संपर्क किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। वहां जाकर देखा तो 6 पलंगों पर मरीज थे। ड्यूटी पर नर्सें थीं और डॉक्टर नहीं थे। आईसीयू के ऊपर ईएमओ कक्ष सुबह 4.08 बजे अंदर से बंद था। परिजनों ने स्थिति को देखकर सुबह करीब 6 बजे बिना बताए मरीज को अस्पताल से लेकर चले गए। इतना ही नहीं सुबह 9.32 पर ड्यूटी पर कौन है आईसीयू सिस्टर को ही नहीं पता था।
जानकारी के अनुसार आईसीयू के 6 पलंग के लिए 24 घंटे में 3 डॉक्टरों की ड्यूटी रहती है। आईसीयू में कभी कभार ही कोई डाॅक्टर ड्यूटी पर मिला है अन्यथा वो नदारद रहते हैं। आईसीयू के डॉक्टर के लिए पहली मंजिल पर कक्ष है और वह या तो वहां आराम कर रहे होते हैं या फिर ड्यूटी से गायब रहते हैं। कई बार स्टॉफ के फोन को अटेंड नहीं करते हैं। वह कक्ष में भी नहीं होते हैं। कैजुअल्टी के डॉक्टर मरीज को आईसीयू में रेफर करने परेशान होते रहते हंै। गुरुवार - शुक्रवार की रात ईएमओ डॉ. सुरेश पांचाल और डॉ. विशाल की ड्यूटी थी जबकि शुक्रवार की सुबह डॉ. सचिन कोरडे की ड्यूटी थी।
इन मरीजों को रखा जाता है आईसीयू में : आईसीयू में गंभीर चोट और बीमारी वाले मरीजों को रखा जाता है जिनका जीवन खतरे में हो। आईसीयू में मरीजों काे रखने का मुख्य उद्देश्य विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी में रखना रहता है जिससे जोखिम से उनकी जान को बचाया जा सके। किन्तु जिला अस्पताल के आईसीयू में डॉक्टर ज्यादातर रहते ही नहीं हैं।
आईसीयू में स्टॉफ के दो पलंग आरक्षित : आईसीयू में स्टॉफ को आराम करने के लिए 2 पलंग आरक्षित हैं। एक अंदर के कक्ष में है जबकि एक ड्यूटी रूम में है। इसके बाद भी ईएमओ के लिए अलग से ऊपर की मंजिल पर एक कक्ष है। इस कक्ष में वह ज्यादातर समय नहीं रहते हैं
Created On :   1 July 2023 3:32 PM IST