बेड़ियों में जकड़े मनोरोगी को इलाज के लिए नागपुर भेजा

बेड़ियों में जकड़े मनोरोगी को इलाज के लिए नागपुर भेजा
15 साल से बेटे की देखभाल कर रही मां को मिली राहत

डिजिटल डेस्क अचलपुर (अमरावती)। मां की ममता बेहद निराली होती है। उसके लिए औलाद ही सब कुछ होती है। कुछ इसी तरह का मामला आदिवासी बहुल मेलघाट के बुरडघाट में आया है। घर में 15 साल से बेड़ियों में जकड़े बेटे की सेवा मां कर रही है। घर में बेहद गरीबी,पति लापता और बेटा मानसिक रूप से बीमार जैसी संघर्षमय स्थिति में भी मां ने हिम्मत नहीं हारी और बेटे की सेवा जारी रखी। बुरडघाट की मां भी अपने बेटे के लिए सब परेशानी झेल रही थी। अब बेटे को बेहतरीन उपचार के लिए नागपुर में भर्ती किया गया है। इससे मां को भी राहत मिलने वाली है।

जानकारी के मुताबिक गांजू रामजी झामलकर मनोरोगी होने के कारण कहीं भी निकल जाता था और उत्पात मचाता था। इसके कारण बूढ़ी माँ को बहुत कष्ट सहना पड़ता था। उस पर लगातार निगरानी रखनी पड़ती थी। मदद के लिए कोई अन्य सहारा नहीं होने के कारण कलेजे के टुकड़े को माँ को जंजीरों से बाँधने का कठोर निर्णय लेना पड़ा। 15 वर्षों से गांजू को जंजीरों से जकड़ रखा है। पीढ़ीगत अशिक्षा और गरीबी के कारण गंाजू की माँ ने इलाज के बारे में सोचा भी नहीं था।

Created On :   8 Aug 2023 4:02 PM IST

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