ऐतिहासिक कुआं: पोस्ट कार्ड पर अंकित होगा दर्यापुर का महिमापुर कुआं

पोस्ट कार्ड पर अंकित होगा दर्यापुर का महिमापुर कुआं
पुरातत्व व डाक विभाग का फैसला

डिजिटल डेस्क, दर्यापुर(अमरावती)। तहसील में ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध महिमापुर कुएं के दर्शन अब पूरा देश कर सकेगा। पुरातत्व और डाक विभाग ने घोषणा की है कि इस कुएं के साथ-साथ महाराष्ट्र के आठ ऐतिहासिक कुओं की तस्वीरें पोस्टकार्ड पर छापी जाएगी। इसेे लेकर क्षेत्रवासियों में अपार उत्साह है। इससे कुआं देखने के लिए देशभर से पर्यटकों के यहां आने की संभावना जताई जा रही है। अमरावती जिले की दर्यापुर तहसील में दर्यापुर से आसेगांव रोड पर महिमापुर गांव में हजारों साल पहले एक ऐतिहासिक कुआं बनाया गया था। प्राचीन स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना इसे कहा जा सकता है। यह कुआं पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। पोस्ट मास्टर जनरल के.के. शर्मा और पोस्टमास्टर जनरल अभिताब सिंह ने हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय डाक दिवस पर महाराष्ट्र के आठ विरासत पोस्ट कार्ड और सूचना पुस्तिका का शुभारंभ किया। इसी दौरान इस फैसले की घोषणा की गई।

बावड़ी एक कुआं या पानी की टंकी होती है, जिसके अंत में पानी तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी होती हैं। राज्य भर में बावड़ी के कुओं को घोडेबाब, पुष्करणी, बावड़ी, पोखरण, पोखरबाव आदि नामों से जाना जाता है। बावड़ियों का निर्माण मुख्य रूप से सातवाहन, राष्ट्रकूट, चालुक्य यादव, शैव काल और बाद के विभिन्न युगों के शासकों और शासकों द्वारा किया गया था। यह ऐतिहासिक कुआं काले पत्थर से पेचदार अंग्रेजी एलडी जेड आकार, चौकोर आयताकार आकार में बनाया गया है। चूंकि अमरावती जिले के महिमापुर में प्राचीन कुएं की जानकारी पोस्ट कार्ड के पहले पृष्ठ पर दिखाई देगी, इसलिए उक्त जानकारी जिले और अन्य राज्यों के नागरिकों तक आसानी से पहुंच जाएगी। ऐसी किवदंती है कि यह कुआं तत्कालीन मुगल और निज़ाम शाही के द्वार पर युद्ध के दौरान सेना द्वारा बनवाया गया था। इस कुएं को सेना के लिए पीने के पानी की समस्या को हल करने के लिए खोदा गया था। बाद में शासकों ने इसका जीर्णोद्धार कराया। यहां श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों की भी बड़ी संख्या है।

Created On :   19 Oct 2023 11:51 AM GMT

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