विभाग प्रमुखों की बैठक में अनुपस्थित रहे देशमुख

विभाग प्रमुखों की बैठक में अनुपस्थित रहे देशमुख
पर्यावरण अधिकारी के प्रमोशन की गायब फाइल की होगी जांच

डिजिटल डेस्क अमरावती। दैनिक भास्कर में “पर्यावरण अधिकारी देशमुख के प्रमोशन की फाइल सामान्य प्रशासन विभाग से गायब’ नामक शीर्षक से प्रकाशित की। इससे मनपा में हड़कंप मच गया। पर्यावरण अधिकारी के प्रमोशन की फाइल जीएडी से गायब होने की खबर प्रकाशित होने पर निगमायुक्त की विभाग प्रमुखों की बैठक में पर्यावरण अधिकारी महेश देशमुख अनुपस्थित थे। वहीं, विभाग प्रमुखों की बैठक खत्म होने के बाद निगमायुक्त पवार ने जीएडी की अधीक्षक लीना आकोलकर और पर्यावरण अधिकारी महेश देशमुख को अपने कक्ष में बुलाया। उनके बीच की चर्चा को मनपा प्रशासन में गोपनीय माना जा रहा है। बता दें कि अमरावती मनपा के पूर्व आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने सेवानिवृत्त होते समय मनपा के पर्यावरण अधिकारी महेश देशमुख को अतिरिक्त आयुक्त पद पर प्रमोशन देने के प्रस्ताव को मान्यता प्रदान की थी। तत्कालीन निगमायुक्त द्वारा मान्यता प्रदान फाइल सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) से विभाग के अतिरिक्त आयुक्त की सहमति के बाद राज्य के नगर विकास विभाग को भेजना था। किंतु फाइल मनपा के जीएडी में ही न रहने की पुष्टि विभाग अधीक्षक लीना आकोलकर ने की थी। भास्कर में खबर छपते ही विभाग में हड़कंप मच गया। प्रभारी निगमायुक्त देवीदास पवार ने कहा कि फाइल सामान्य प्रशासन विभाग में ही होनी चाहिए, अगर नहीं होगी तो उसकी जांच की जाएगी।

फाइल को लेकर गोपनीयता
मनपा की सेवा में उपायुक्त अथवा महाराष्ट्र मनपा अधिनियम के वैधानिक समकक्ष पद पर अधिनियम की कलम 45 के अनुसार सरकार के मान्यता प्राप्त होने की तारीख से चयन सूची के वर्ष के 1 जनवरी को कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होना जरूरी है। संबंधित अधिकारी मनपा की सेवा में स्थायीकरण होना जरूरी है। विचाराधीन अधिकारी में से जिस अधिकारी के 10 गोपनीय अभिलेख में से कम से कम 9 अभिलेख उत्कृष्ठ दर्जे का होना चाहिए। अधिकारियों से उनका सेवा समयावधि विचार में लेकर सूची तैयार करनी चाहिए। इस नियम में पर्यावरण अधिकारी महेश देशमुख का गोपनीय अभिलेख उत्कृष्ठ है। उन पर कोई आरोप नहीं है किंतु मनपा की सेवा में उनका कार्यकाल 10 वर्ष का पूर्ण नहीं हुआ है। उन्होंने मनपा की सेवा में मात्र 8 वर्ष पूर्ण किए। इस स्थिति में अगर देशमुख को अतिरिक्त आयुक्त पद पर प्रमोशन दिया तो सेवा सूची में शामिल उनके वरिष्ठ अधिकारियों पर अन्याय होगा। जिससे सेवानिवृत्ति केे अंतिम समय में तत्कालीन निगमायुक्त आष्टीकर द्वारा मंजूर की गई प्रमोशन की फाईल को लेकर मनपा में गोपनीयता बरती जाएगी। यह फाइल सामान्य प्रशासन विभाग में न रहने की बात की पुष्टि विभाग के अधीक्षक लीना आकोलकर कर चुकी है।

सामान्य प्रशासन विभाग में ही होगी
पर्यावरण अधिकारी के प्रमोशन की फाईल के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। फाइल सामान्य प्रशासन विभाग में ही होनी चाहिए। अगर नहीं होगी तो जानकारी लेकर जांच की जाएगी। - देवीदास पवार, निगमायुक्त, मनपा

Created On :   8 Aug 2023 3:21 PM IST

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