विषबाधा की घटना के बाद भी बच्चों को परोस रहे थे सड़े हुए अंडे

विषबाधा की घटना के बाद भी बच्चों को परोस रहे थे सड़े हुए अंडे
  • एकलव्य आवासीय विद्यालय में लापरवाही का आलम
  • अभिभावकों की सतर्कता से टली अनहोनी

डिजिटल डेस्क, अचलपुर (अमरावती)। चिखलदरा एकलव्य आवासीय विद्यालय प्रशासन की घोर लापरवाही एक बार फिर देखने को मिली। 34 बच्चों को विषबाधा की घटना के बाद भी प्रशासन कुंभकरण की नींद से नहीं जागा। 28 जुलाई को बच्चों को मध्याह्न भोजन में बच्चों को सड़े हुए उबले अंडे परोसने की तैयारी थी किन्तु गुरुवार की घटना के बाद नाराज परिजन विद्यालय पहुंचे और निरीक्षण किया तो सड़े हुए उबले अंडे मिले जो बच्चों को परोसने के लिए रखे गए थे। अंडों से दुर्गंध आने पर परिजनों ने नाराजगी व्यक्ति की और स्कूल प्रशासन को जानकारी दी इसके बाद वह अंडे नहीं परोसे गए, अन्यथा एक बार फिर विषबाधा होने की आशंका बनी हुई थी।

बता दें कि आदिवासी बच्चों को बेहतरीन शिक्षा के लिए शुरू किया चिखलदरा एकलव्य आवासीय विद्यालय भ्रष्टाचार की घुन की चपेट में आ गया। विद्यार्थियों को घटिया भोजन व अन्य सुविधाएं देने का खुलासा गुरुवार को हुआ। विद्यालय में 320 छात्र हैं और 27 जुलाई को विद्यालय के 34 बच्चों को विषबाधा होने से खलबली मच गई। विद्यालय में छात्रों को विषबाधा की जानकारी मिलते ही पुसद, महागांव, कारंजा, मंगरूलपीर, कलंब आदि तहसीलों से विद्यार्थियों के कुछ अभिभावक घटना वाले दिन गुरुवार की रात में स्कूल पहुंचे और दूर-दराज के अभिभावक शुक्रवार की सुबह पहुंचे। अभिभावकों ने विद्यालय की घटिया सुिवधाएं देखकर सिर पकड़ किया। सर्वत्र गंदगी, अव्यवस्था, शुद्ध पानी का अभाव देखकर हैरत में पड़ गए। विद्यालय में अनगिनत समस्याओं का अंबार दिखा। झाड़ियों में जहरीले सांप से विद्यार्थियों को खतरा है। अभिभावकों के बच्चों को मिलने वाली अच्छी शिक्षा और सुविधा का सपना टूट गया।

विद्यालय में लाऊंगा परिवर्तन : इस स्कूल की समस्याओं को दूर करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने जा रहा हूं। इसीलिए मुझे इस स्कूल का प्रिंसिपल नियुक्त किया है। सभी अभिभावकों को वाट्सएप पर बच्चों के खाने को दिया गया है, इसकी जानकारी दी जाएगी। -आर.जी. काले, प्राचार्य (प्रभारी)

सीबीएसई पैटर्न का कोरा दिखावा : भोजन, आवास, शिक्षा, परिणाम, परिसर और स्कूल भवन के मामले में स्कूल कोसों दूर है। यहां सीबीएसई पैटर्न कोरा दिखावा है। - कोंडूराम धोंडगे, विद्यार्थी के परिजन, कारंजा


Created On :   29 July 2023 2:32 PM IST

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