Sambhaji Sagar News: बाल सुधार गृह से 9 नाबालिग लड़कियां भागीं, पुलिस और लड़कियों के बीच सड़क पर जमकर हंगामा

बाल सुधार गृह से 9 नाबालिग लड़कियां भागीं, पुलिस और लड़कियों के बीच सड़क पर जमकर हंगामा
  • सड़कों पर लड़कियों को घसीटते, झूमाझटकी करते देखकर लगा जाम
  • लड़कियों ने लगाए कई आरोप, कुछ के हाथ में थे पत्थर
  • नौ में से पुलिस ने सात को हिरासत में लिया, एक घर पहुंची, एक की तलाश जारी

Sambhaji Sagar News छावनी परिसर के बाल सुधार गृह से नौ लड़कियां भाग गईं। इसके पहले उन्हाेंने तोड़-फोड़ भी की। उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने सड़कों पर पीछा किया। इस दौरान पुलिस और लड़कियों के बीच जमकर हंगामा हुआ। बाबा पेट्रोल पंप के पास एक पुलिसकर्मी दो लड़कियों के पीछे दौड़ता नजर आया। पकड़ने के दौरान जमकर झूमाझटकी हुई। लड़कियां बार-बार पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगा रही थीं। जब एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें पकड़ा, तो वे सड़क पर ही बैठ गईं। उन्हें घसीटकर और लोगों से मदद मांगते हुए किसी तरह गाड़ी में बैठाया गया। इस दौरान तमाशा देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई और करीब 10 मिनट तक ट्रैफिक जाम रहा। कुछ लड़कियों के हाथ में पत्थर भी थे।

पुलिस ने नौ में से सात लड़कियों को हिरासत में ले लिया। एक लड़की घर पहुंच गई जबकि एक की तलाश जारी है। बाद में हिरासत में ली गई सातों लड़कियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के पास ले जाया गया। यहां सात में से पांच लड़कियों के परिवार उन्हें लेने पहुंच गए, लेकिन तीन लड़कियों को उनके परिवार वालों ने ले जाने से इनकार कर दिया। इनमें से दो को सिडको व एक को वालूज बाल सुधार गृह में भेजा गया। यह जानकारी पुलिस ने दी।

उठ रहे सवा : छावनी परिसर के बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। एक साथ नौ लड़कियां तोड़फोड़ कर कैसे भाग सकती हैं? बाल सुधार गृह में सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं हैं। क्या यहां से कोई भी आसानी से भाग सकता है? बताया जा रहा है कि इससे पहले भी कई लड़कियां बाल सुधार गृह से भाग चुकी हैं। इससे प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। हालांकि, प्रशासन अपनी गलती स्वीकार करने को तैयार नहीं दिखता।

"हमें न्याय चाहिए" की गुहार : पुलिस का कहना है कि नौ में से सात लड़कियों को हिरासत में लिया गया, लेकिन इनमें से कुछ ने न्यायालय में "हमें न्याय चाहिए" की गुहार लगाई। भागी हुई लड़कियां बाल सुधार गृह प्रशासन पर आरोप लगाती नजर आईं। उनका कहना था कि सभी जगह कैमरे लगे हैं, जिससे कपड़े बदलने में परेशानी होती है और उनकी निजता भंग होती है। उनका दावा था कि कपड़े बदलते समय भी रिकॉर्डिंग होती है। पुलिस ने इस पर सफाई दी कि बाल सुधार गृह में पूरा स्टाफ महिला कर्मियों का है, कोई पुरुष नहीं है।

सुबह 11 से रात 10 बजे तक का घटनाक्रम : सुबह 11 बजे नौ लड़कियों ने साजिश रचकर बाल सुधार गृह से भागने की योजना बनाई। उन्होंने सीसीटीवी और अन्य सामग्री की तोड़फोड़ की और बाहर निकल गईं। वे बाबा पेट्रोल पंप चौराहे पर पहुंचीं और हंगामा मचाने लगीं। जैसे ही बाल सुधार गृह प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, छावनी थाने को सूचना दी गई और पुलिस ने तलाश शुरू की।

एक महिला कर्मी ही पहले पहुंची, बाद में टीम आई : दामिनी टीम को सूचना मिलने के बाद शुरुआत में सिर्फ एक महिला पुलिसकर्मी ही बाबा पेट्रोल पंप पहुंची। उसने अकेले एक लड़की को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन लड़की जोर-जोर से चिल्लाने लगी जिससे भीड़ जमा हो गई। महिला पुलिसकर्मी ने बार-बार कॉल कर सहायता मांगी, लेकिन कोई नहीं आया। आखिरकार, उसने नागरिकों की मदद से लड़की को रिक्शे में बैठाकर छावनी थाने पहुंचाया।

हंगामे से यातायात ठप : इस हंगामे से बाबा पेट्रोल पंप पर यातायात प्रभावित हुआ। वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई लोग वीडियो बनाते दिखे, लेकिन मदद के लिए कुछ ही आगे आए।

पुलिस आयुक्त ने लिया संज्ञान : घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त प्रवीण पवार ने तीन महिला पुलिस निरीक्षकों - निर्मला परदेशी, गीता बागवड़े और प्रवीणा यादव को तत्काल बाल सुधार गृह भेजा।

80 लड़कियों से पूछताछ : तीनों पीआई बाल सुधार गृह पहुंचीं और वहां मौजूद 80 लड़कियों से बातचीत की। उनसे पूछा गया कि क्या कोई परेशानी है, प्रशासन ध्यान रखता है या नहीं। किसी लड़की ने प्रशासन के खिलाफ कुछ नहीं कहा। यह जानकारी छावनी थाने के प्रभारी डॉ. विवेक जाधव ने दी।

रात 10 बजे तक सीडब्ल्यूसी में हंगामा : प्रभारी अधिकारी जाधव ने बताया कि सात लड़कियों को सीडब्ल्लूसी ले जाया गया, जहां पांच लड़कियों को उनके परिजन ले गए। तीन को उनके परिवारों ने लेने से इनकार कर दिया। सीडब्ल्यूसी में भी लड़कियों ने हंगामा किया, हालांकि परिजनों के समझाने पर वे शांत हुईं।

बाल सुधार गृह में लाए गए थे अलग-अलग केस से

इन नौ लड़कियों में चार को उनके परिवार ने बाल सुधार गृह में छोड़ा था, जबकि पांच पॉक्सो मामलों की थीं। एक लड़की ड्रग्स केस में पकड़ी गई थी।

"मुझे घर भेजो" की गुहार : बाबा पेट्रोल पंप पर एक लड़की महिला पुलिसकर्मी से बार-बार कह रही थी, "मैडम, मुझे घर भेजो, मुझे बाल सुधार गृह नहीं जाना है।" काफी देर तक यह ड्रामा चलता रहा, बाद में उसे थाने ले जाया गया। सभी लड़कियां 17 वर्ष की बताई जा रही हैं।

भागने पर एक लड़की छावनी पुलिस थाने पहुंची : बाल सुधार गृह से भागने के बाद एक लड़की सीधे छावनी पुलिस थाने पहुंचकर कहने लगी “मुझे मेरे घर जाना है।” तभी पुलिस हरकत में आ गई और अन्य लड़कियों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया।

शहर में 11 बाल सुधार गृह : शहर में कुल 11 बाल सुधार गृह हैं, जिनमें तीन लड़कियों के और आठ लड़कों के हैं। सभी बाल सुधार गृहों में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। लड़कियों के बाल सुधार गृह छावनी, सातारा और वालूज परिसर में स्थित हैं। बाल सुधार गृह से भागने की कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।

घर जैसा माहौल देने की जरूरत : बाल सुधार गृह में बच्चों के साथ घर जैसा माहौल देने की आवश्यकता है। यदि उनके साथ कैदियों जैसा व्यवहार किया जाएगा, तो वे भागने का प्रयास करेंगे। जरूरी है कि समय-समय पर उनकी काउंसलिंग भी की जाए। — एड. रेणुका घुले, पूर्व अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति


Created On :   1 July 2025 2:50 PM IST

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