‌Beed News: गेवराई में हाके और पंडित के कार्यकर्ताओं में झड़प, 14 लोगों पर मामला दर्ज

गेवराई में हाके और पंडित के कार्यकर्ताओं में झड़प, 14 लोगों पर मामला दर्ज
  • पुलिस ने दोनों गुटों के खिलाफ की कार्रवाई
  • आरोप-प्रत्यारोप लगाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ी

‌‌Beed News गेवराई शहर में दो गुटों के बीच राडा मामले ने खलबली मचा दी है। इस मामले में लक्ष्मण हाके समेत दोनो गुटो के 14 समर्थक के खिलाफ सोमवार को देर रात 12 बजे मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के अनुसार गेवराई शहर में (सोमवार) दो गुट आमने-सामने आ गए। पुलिस ने स्थिति को बढ़ने से रोकने के लिए पहले लक्ष्मण हाके को निषेधाज्ञा जारी की थी। हालांकि, उसके बाद भी हाके के गेवराई में मौजूद रहने से दोनों गुटों के बीच विवाद बढ़ गया और माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लक्ष्मण हाके समेत 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। दोनों गुटों के समर्थकों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी। इसलिए पुलिस ने भी दोनों गुटों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस बीच, इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस द्वारा आगे की जांच जारी है। गेवराई में हुए इस राडा मामले ने नागरिकों में भय का माहौल पैदा कर दिया है और प्रशासन ने अनुशासन बनाए रखने की अपील की है। विधायक विजयसिंह पंडित के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। क्योंकि वे इस घटना के दौरान मुंबई में थे।

जरांगे को एक भी नोटिस नही दिए : लक्ष्मण के हाके ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ओबीसी के आरक्षण को बचाने के लिए हम दो-तीन साल से कानूनी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और आरक्षण कितना महत्वपूर्ण है, इस सिद्धांत को समझा रहे हैं कि अगर यह आरक्षण अवैध रूप से शुरू किया गया तो आरक्षण कैसे समाप्त होगा, हम पिछले दो सालों से राज्य को बता रहे हैं, हम उस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलने गए थे जहाँ हमारा पुतला जलाया गया था, उस समय हम पर पथराव किया गया था और हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं, हमें जेल में डाल दीजिए, लाठीचार्ज कर दीजिए, मौके पर गोलियां चला दीजिए लेकिन हम ओबीसी आरक्षण को बचाने के लिए यह लड़ाई लड़ेंगे, सरकार और प्रशासन हम पर गोली भी चला दे तो चलेगा, लेकिन हम ओबीसी का आरक्षण बचाएंगे, हमारे खिलाफ केस दर्ज हो सकते हैं, लेकिन अगर मनोज जरांगे राज्य के एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री की मां-बहन का अपमान कर रहे हैं, तो क्या उन्हें कोई धारा दी जाएगी या नहीं, क्या उन्हें कोई नोटिस दिया जाएगा या नहीं, क्या उन्हें नोटिस दिया जाएगा और जिस व्यक्ति ने सरकार को घेर लिया हो और वहां की व्यवस्था और वहां के कानून को चुनौती दी हो, उसे आप एक भी नोटिस नहीं देते, कोई इस बारे में बात नहीं करता, आप उसे एक भी नोटिस देने को तैयार नहीं हैं, जो जरांगे समय-समय पर कोर्ट, कानून और प्रशासन के फैसलों को चुनौती देते हैं, उन्हें कोई नोटिस क्यों नहीं दिया जाता, हाके ने यह भी सवाल उठाया है।


Created On :   26 Aug 2025 6:46 PM IST

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