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Bhandara News: बायपास मार्ग का हाल, लोकार्पण के बाद 13 दिन भी नहीं टिकी सड़क, अभी से धंसने लगी
- 5 जुलाई को केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के हाथों हुआ था लोकार्पण
- अब डामर की सड़क पर सीमेंट की परत डालकर की जा रही लीपापोती
Bhandara News भंडारा शहर के 14.8 किमी लंबे बायपास मार्ग के घटिया निर्माण कार्य की कुछ दिनों में ही पोल खुलने लगी है। बायपास मार्ग जगह-जगह से धंसने लगा है। ऐसे में निर्माण कार्य करने वाली कंपनी डामर की सड़क पर सीमेंट बिछाकर लीपापोती कर रही है। बता दंे कि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने इसी महीने 5 जुलाई को बायपास मार्ग का लोकार्पण किया था। सड़क धंसने से वाहन अचानक उछलकर अनियंत्रित हो रहे हैं। इससे बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है।
लगभग 14.8 कि.मी लंबे बायपास मार्ग का निर्माण कार्य पुणे की श्री स्वामी समर्थ कंन्ट्रक्शन कंपनी ने ढाई वर्ष में पूर्ण किया। मार्ग के निर्माण को लेकर शुरुआत से ही कई शिकायतें आ रही हैं। इसके पहले बारिश से सड़क के किनारे लगे सीमेंट के ढांचे ढह गए थे। सांसद डा. प्रशांत पडोले ने बार-बार इस निर्माण को लेकर सवाल खड़े किए। अंतर बताने वाले बोर्ड भी गलत लगाए गए हैं। जिससे वाहन चालकों को गलत जानकारी मिल रही है। जहां से पलाडी के पहले जहां से बायपास मार्ग शुरू होता है वहा से भंडारा की दूरी पांच किमी बतायी गई है। जबकि यह अंतर लगभग नौ किमी है। अप्रैल माह में बायपास मार्ग लोगों के लिए खोला गया।
भिलेवाडा में वन्यजीवों के लिए जहा अंडरपास बनाए गए हैं उसके उपरी हिस्से से लगातार सड़क दबती जा रही है। नागपुर से रायपुर लेन तथा रायपुर से नागपुर लेन दब चुकी है। कुछ दिनों पहले यहा सीमेंट डालकर लीपापोती की गई। फिर भी डाला हुआ सीमेंट भी नीचे दबते जा रहा है। वाहन चालक सड़क के इस हिस्से से वाहन ले जाने से कतरा रहे हंै। राष्ट्रीयय महामार्ग क्रमांक 53 से प्रति दिन हजारों वाहन गुजरते है। बायपास मार्ग की गति 100 से अधिक रखी गई है। इतनी गती में वाहन दबे हुए हिस्से से गुजरते ही अनियंत्रित हो जाता है। रात्री के समय यहा पर बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी है।
खामियां नजर आने पर जांच का दिया था आश्वासन : सांसद डॉ. प्रशांत पडोले द्वारा बायपास मार्ग के निर्माण पर सवाल उठाने पर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने समय पर इस निर्माण की पूरी जांच करने का आश्वासन दिया था। मार्ग शुरू हुए कुछ दिन हुए है लेकिन लगातार घटिया निर्माण के मामले सामने आ रहे हंै। ऐसे में इस मार्ग के निर्माण की जांच जरूरी है।
अड्याल-किटाली मार्ग का निर्माण कार्य घटिया दर्जे का: अड्याल से किटाली महामार्ग का निर्माण के लिए सरकार के लाखों रुपए खर्च हुए, किंतु फिर भी प्रतिवर्ष बारिश के कारण अड्याल से किटाली मार्ग का रास्ता फुटने के कारण नागरिकों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। किंतु इस तरफ जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं होने के कारण नागरिकों में रोष व्याप्त है। पवनी तहसील के तहत आने वाले अड्याल से किटाली मार्ग का निर्माण लाखों रुपए का निर्माण करके किया गया।
कुछ माह के पश्चात ही मार्ग की दुरवस्था हुई। बारिश के दिनों में यह मार्ग नागरिकों के लिए जानलेवा साबित होता है। गड्ढे में गिरने से बार बार दुर्घटनाएं होती है। किंतु इस मार्ग से गुजरने वाले जनप्रतिनिधियों का ध्यान नही है। ऐसी बात सामने आ रही है। इस मार्ग से प्रतिदिन सैकडो किसान, छात्र गुजरते है। दुर्घटनाओं में हाथ, पैर, सिर पर चोट के कारण ग्रामस्थों का हजारों रूपए खर्च करने पडते है। केवल एक वर्ष के भीतर मार्ग कैसे उखडा? यह भी सवाल है। मार्ग के निकृष्ट निर्माण के कारण एक वर्ष के भीतर रास्ते का निर्माण उखड़ा है। जिससे संबंधित ठेकेदार एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों के मिली भगत की चर्चाएं है। ऐसे विषयों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच होनी चाहिए ऐसी मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है।
Created On :   19 July 2025 4:03 PM IST