‌Bhandara News: भंडारा में व्यापारियों को औने-पौने दामों में बेच रहे धान

भंडारा में व्यापारियों को औने-पौने दामों में बेच रहे धान
सरकारी खरीदी केंद्र खुलने का इंतजार करते थक चुके किसान

Bhandara News किसान औने-पौने दामों में धान बेच रहे हैं क्योंकि सरकारी धान खरीद केंद्र या तो अभी तक खुले नहीं हैं, जिसके कारण फसल खराब होने का खतरा है और किसानों को मजबूरन व्यापारियों को कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं से फसल के नुकसान ने किसानों की स्थिति को और भी खराब कर दिया है।

बता दें कि, तुमसर तहसील के धान उत्पादक क्षेत्र में इस साल धान का उत्पादन उम्मीद से कम रहा है और किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। भारी बारिश और कीटों का प्रकोप और उत्पादन लागत में वृद्धि ने किसानों की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। ऐसे में सरकारी धान खरीदी केंद्र अभी तक शुरू नहीं हुआ है, इसलिए किसानों को निजी व्यापारियों के दरवाज़े पर कम दामों पर अपना धान बेचना पड़ रहा है। तुमसर तहसील को धान उत्पादक तहसील के रूप में प्रसिद्ध है। इसलिए, कम से कम इस तहसील में एक सरकारी समर्थन मूल्य धान खरीद केंद्र शुरू करने की ज़रूरत थी। यहां के किसान अब व्यापारियों को धान बेचने लगे हैं।

किसान कह रहे हैं कि, धान की खेती अब सस्ती नहीं रही। सरकार ने नुकसान की मुआवजे का वादा किया है। कई किसानों ने नुकसान से संबंधित कागजी कार्रवाइयां पूरी कर ली है, फिर भी कई किसान अभी भी इस प्रक्रिया से वंचित हैं। तुमसर तहसील में अधिकांश गांवों में हल्का धान बिकने लगा है। सरकार जब तक धान खरीदी केंद्र शुरु नही करेंगे किसानों की समस्याएं बढ़ेगी।

नियोजन का अभाव : सरकारी स्तर पर प्रति वर्ष धान खरीद का अनुभव होने के बावजूद योजना का अभाव है। खरीदी केंद्र स्थापित करने, तकनीकी सत्यापन और निधि वितरण की प्रक्रिया में देरी से किसानों की समस्याएं बढ़ जाती है। बोनस के नाम पर मामूली सहायता दी जाती है।

व्यापारियों की चांदी : धान बिक्री के दौरान खरीदी केंद्र बंद होना किसानों के लिए दोहरी मुसीबत बनता जा रहा है। सरकार से तत्काल निर्णय लेने की मांग उठ रही है। सरकार को भी हर साल धान की कटाई का समय पता होता है। भंडारा जिले में 1 अक्टूबर तक सरकारी धान खरीदी केंद्र खुल जाना चाहिए थे। यहां हर साल के नियोजन में अभाव के कारण खरीदी केंद्र देर से खुलने से किसानों को निजी व्यापारियों को धान खरीदने का समय मिल जाता है। व्यापारी कम दामों पर किसानों धान खरीदकर आर्थिक लूट कर रहे है।


Created On :   15 Nov 2025 4:29 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story