Bhandara News: श्मशान भूमि पर अतिक्रमण, विरोध में ग्रामीण बैठे सड़क पर

श्मशान भूमि पर अतिक्रमण, विरोध में ग्रामीण बैठे सड़क पर
  • सातबारा में भूमि दर्ज है, तहसीलदार पहुंचे और गुट की गणना की
  • लाखनी तहसील के सानगांव का मामला

Bhandara News गांव के लिए श्मशान भूमि आरक्षित होने के बावजूद अतिक्रमण के कारण अंतिम संस्कार करने में दिक्कतें आ रही है । दाह संस्कार में आने वाली परेशानियों को देखते हुए ग्रामीणों ने सड़क जाम आंदोलन किया। आंदोलन का संज्ञान लेते हुए तहसीलदार धनंजय देशमुख व प्रशासन ने तुरंत संबंधित गुट की गणना की।

श्मशान भूमि की जगह निश्चित कर अंतिम संस्कार के लिए जगह उपलब्ध की गई। यह मामला लाखनी तहसील के सानगांव में सामने आया। सानगांव में श्मशान भूमि निश्चित है। सातबारा में इसका रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि, श्मशान भूमि को लेकर विवाद पहले से था। इसके साथ ही आसपास के कुछ किसानों द्वारा अतिक्रमण के कारण अंतिम संस्कार करने में भी काफी दिक्कतें आ रही थीं।

ग्रामीणों ने श्मशान भूमि प्राप्त करने के लिए कई बार तहसील भूमि अभिलेख में भूमि की गणना के लिए आवेदन किया, लेकिन जमीन मापी नहीं गई। अंतिम संस्कार के लिए यही समस्या उत्पन्न होने पर सानगांव सरपंच उपेंद्र शेंडे के नेतृत्व में सड़क जाम आंदोलन किया गया। इस आंदोलन का संज्ञान लेते हुए लाखनी के तहसीलदार धनंजय देशमुख, तहसील भूमि अभिलेख और समूह विकास अधिकारी विरोध स्थल पर पहंुचे। अधिकारियों की उपस्थिति में, भूमि अभिलेख अधिकारियों ने पटवारी के नक्शे से श्मशान भूमि के गुट की सटीक गिनती शुरू की। प्रदर्शनकारियों की उपस्थिति में समूह की गिनती की गई।

श्मशान का स्थान निर्धारित होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन वापस ले लिया। इसके साथ ही गुट विकास अधिकारी ने श्मशान शेड के निर्माण के लिए पालकमंत्री से निधि की मांग करने की भूमिका निभाई। लाखनी तहसील में 104 गांव हैं। जिनमें से दस गांव रीठी हैं, वहां कोई नहीं रहते हैं। 94 गांवों में से 89 गांवों में श्मशान की सुविधा है।


Created On :   17 Sept 2025 2:54 PM IST

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