Chandrapur News: कभी बहती थी कल-कल , छल-छल धारा, अब सूखे की चपेट में आई इरई नदी

कभी बहती थी कल-कल , छल-छल धारा, अब सूखे की चपेट में आई  इरई नदी
  • बचा है इतना पानी कि बाल्टियों से हो जाए खाली
  • कभी बहती थी 70 फीट की गहराई तक

Chandrapur News कभी कल-कल, छल-छल बहने और उफान पर बहने वाली इरई नदी सूखे की चपेट में आ गई है। नदी में इन दिनों इतना पानी बचा है, जिसे बाल्टियों से खाली किया जा सकता है। 50 साल के इतिहास में पहली बार इरई में चंद पानी बचा है। चंद्रपुर समेत पास पड़ोस के दर्जनों गांव की जीवन दायिनी में 50 से 70 फीट गहराई तक पानी बहता था। इरई बांध इरई नदी को जोड़ने वाले करीब 40 गांव के छोटे -बड़े नालों को अपने भीतर समा कर लाखों लोगों की प्यास बुझाती थी। नदी के अंतर्गत पडोली, विचोडा, पुरानी पडोली, छोटा नागपुर, पडोली दाताडा और चंद्रपुर को पानी दिया जाता है। पडोली जल स्वराज प्रकल्प के सात गांवों को इरई नदी से जलापूर्ति होती है।

टैंकरों से पानी ले जाया जा रहा इरई नदी के रेलवे ब्रिज परिसर से टैंकर से पानी ले जाते देखा जा सकता है कांट्रक्शन, ईंट भट्ठे में इरई नदी का पानी ले जाया जा रहा है, जिससे इसमें बूंद भी नहीं बचेगी। -मनोज ठेंगणे , समाज सेवी पडोली

माफिया बेच रहे पानी : बताया जा रहा है कि पानी माफिया इसका पानी बेच रहे हैं। आज आलम यह है कि यहां पर बोरिंग में 150 से 200 फीट पानी निकल रहा है। दाताडा मार्ग पर स्थित लॉन बगीचों के साथ खेतों में इसका पानी लिया जा रहा है। बताया जाता है कि 2000 से ढाई हजार रुपए में पानी का टैंकर बेचा जा रहा है। नदी में दाताडा के पास नदी के किनारे कई मोटर पंप लगे हुए हैं।



Created On :   6 Jun 2025 7:41 PM IST

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