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Chandrapur News: केंद्र सरकार ने हटाया कपास से 11 प्रतिशत आयात शुल्क

- विदर्भ में बढ़ेगा किसानों पर संकट
- शेतकरी संगठन का आरोप
Chandrapur News केंद्र सरकार ने हाल ही में विदेशों से भारत में आयात होने वाले कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया है। इससे विशेष रूप से कपास उत्पादक विदर्भ में किसानों की आत्महत्या बढ़ने वाली है ऐसा आरोप शेतकरी संगठन ने लगाते हुए केंद्र सरकार से निर्णय पर पुर्नविचार कर रद्द करने की मांग की है।
शेतकरी संगठन नेता और पूर्व विधायक अधि. वामनराव चटप ने कहा कि कच्चे तेल पर आयात शुल्क आधा करने के केंद्र सरकार के फैसले से सोयाबीन किसानों को पहले ही बड़ा झटका लगा था, वहीं यह दूसरा फैसला कपास से आयात शुल्क किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर करने वाला है। इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार ने केंद्र के सामने कपास उत्पादक किसानों के जनहित को ध्यान में नहीं रखा है। इससे भले मिल मालिकों को रुई सस्ती दर में मिले किंतु इस निर्णय के कारण देश में कपास के दाम कम हो जाएंगे। पहले से ही पश्चिमी विदर्भ क्षेत्र में सोयाबीन उत्पादक किसान सिंचाई की कमी और कर्ज वसूली के दबाव में आत्महत्या को विवश हो रहे हैं।
राज्य सरकार को इसकी जानकारी होने के बाजवूद विदर्भ के सोयाबीन उत्पादक किसानों को बचाने के लिए कच्चे तेल के आयात शुल्क कम करने के केंद्र सरकार के निर्णय का सभी मुख्यमंत्री और कृषिमंत्रियों ने बैठक में कोई विरोध नहीं किया। पहले से ही खुले बाजार में सोयाबीन की कीमतें एमएसपी से 500 से 1,000 रुपए कम है। केंद्र और राज्य की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण नाफेड या राज्य सरकार सारी सोयाबीन नहीं खरीद सकती है। इसलिए दोनों निर्णय से देश के विशेष रूप से आत्महत्या ग्रस्त विदर्भ के कपास और सोयाबीन उत्पादक किसानों को घोर निराशा हुई है। इसलिए प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, कृषिमंत्री और वस्त्रोद्योग मंत्री कपास, सोयाबीन के आयात शुल्क पर पुर्नविचार कर निर्णय को रद्द करें यह मांग शेतकरी संगठन के नेता पूर्व विधायक अधि. चटप के साथ पूर्व विधायक सरोज काशीकर, ललित बहाले, प्रज्ञा बापट, अनिल घनवट, मधुसूदन हरणे, शैला देशपांडे, सीमा नरोडे, मदन कामडी, राजा पुसदेकर, भदाणे, सतीश दाणी, संजय कोले, वामनराव जाधव, अर्जुनतात्या बोराडे, विजय निवड आदि ने की है।
Created On :   26 Aug 2025 5:23 PM IST