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Chandrapur News: सफारी के दौरान देख पाएंगे कंगारू, जगुआर, कैपीबारा और रंग-बिरंगे पंछी

- चंद्रपुर में 171 हेक्टेयर में साकार होगी टाइगर सफारी परियोजना
- परियोजना से पर्यटन विकास और युवाओं के लिए रोजगार : वनमंत्री
Chandrapur News बाघों के स्वच्छंद विचरण के लिए चंद्रपुर जिले का ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प विश्व में प्रसिद्ध लेकिन अब चंद्रपुर में प्रस्तावित टाइगर सफारी परियोजना में कंगारु, जगुआर जैसे प्राणी भी दिखाई देंगे। हर चरण में पर्यटक, प्राणी और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च हो, बच्चों के लिए पार्क, भोजनालय, विश्राम गृह, स्मारिका विक्रय केन्द्र जैसी सभी सुविधाएं विश्वस्तरीय होने चाहिए ऐसे निर्देश वनमंत्री गणेश नाईक ने दिए हैं।
चंद्रपुर में प्रस्तावित टाइगर सफारी परियोजना को गति देने के लिए मुंबई स्थित मंत्रालय में आयोजित बैठक में वनमंत्री बोल रहे थे। बैठक में क्षेत्रीय विधायक किशोर जोरगेवार, राज्य के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक और वन बल प्रमुख शोमिता बिस्वास, अपर मुख्य सचिव (वन) मिलिंद म्हसेकर, अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक व समन्वय अधिकारी नरेश झुरमुरे, वनविकास महामंडल के सीईओ चंद्रशेखर बोडे, महाप्रबंधक (मुख्यालय) बेऊला माथी, चंद्रपुर के मुख्य वनसंरक्षक डॉ. जितेंद्र रामगावकर, उपवनसंरक्षक विवेक होसिंग तथा महाराष्ट्र इको टूरिजम डेवलपमेंट बोर्ड के सदस्य अरुण तिखे उपस्थित थे।
चंद्रपुर के मूल रोड पर वन अकादमी के पीछे 171 हेक्टेयर क्षेत्र में टाइगर सफारी परियोजना स्थापित की जाएगी। इसकी लागत 580 करोड़ रुपए होगी। परियोजना का डिजाइन महाराष्ट्र वन विकास निगम की सहायक कंपनी एफडीसीएम गोरवाड़ा जू लिमिटेड को तैयार करने के लिए दिया गया है।
परियोजना में ऑस्ट्रेलियाई, दक्षिण अमेरिकी, दक्षिण अफ्रीकी और भारतीय ट्रेल जैसे विभिन्न थीम पर आधारित पशु दर्शन क्षेत्र होंगे। इसमें पर्यटक कई विदेशी और देशी जानवरों जैसे कंगारू, जगुआर, बंदर, कैपीबारा, विभिन्न रंग-बिरंगे पक्षियों को देख सकेंगे। इसके अलावा 44 हेक्टेयर क्षेत्र में वाहन सफारी विकसित की जाएगी और 20 एकड़ क्षेत्र में बच्चों के लिए पार्क और पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी।
इस बैठक में विधायक किशोर जोरगेवार ने कहा कि चंद्रपुर में पर्यटन के विकास और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए यह परियोजना बहुत जरूरी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ताड़ोबा सफारी के लिए लाखों पर्यटक चंद्रपुर आते हैं। कई पर्यटकों को बाघ दिखाई नहीं देतेे। नई टाइगर सफारी के साथ, पर्यटकों को निश्चित रूप से बाघ की झलक मिलेगी, साथ ही विदेशी जानवरों को भी देखा जा सकेगा। इससे चंद्रपुर में पर्यटन में काफी वृद्धि होगी और जिले की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में अगले चरण की योजना और निधि वितरण के बारे में निर्णय लिए गए। इस अवसर पर वन मंत्री गणेश नाईक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एफडीसीएम गोरवाड़ा जू लिमिटेड द्वारा तैयार की गई योजना की गहन और तकनीकी जांच की जाए और इसमें कोई त्रुटि न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। प्रस्तावित मार्गों में स्थानीय जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं।
Created On :   12 Jun 2025 3:35 PM IST