शिकारियों के अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चंद्रपुर से जुड़े हैं तार!

शिकारियों के अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चंद्रपुर से जुड़े हैं तार!
इस वर्ष देशभर में 31 बाघों का शिकार

योगेश चिंधालोरे ,चंद्रपुर। चंद्रपुर-गड़चिरोली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में हुए बाघों के शिकार मामले में तेलंगाना से लेकर आसाम, दिल्ली के आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इसमें सेवानिवृत्त वन अधिकारी का भी समावेश है। इससे देश स्तर पर बाघों का शिकार करनेवाली टोलियों और बाघ के अंगों का राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करने वाला गिरोह सक्रिय होने की बात सामने आयी है। इस वर्ष देशभर में 31 बाघों का शिकार हुआ है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण सोसाइटी (डब्ल्यूपीएसआई) की रिपोर्ट के अनुसार 3 दशक अर्थात वर्ष 1994 से 2023 तक 1377 बाघों का शिकार होने के मामले सामने आएं है। बावजूद बाघों का शिकार व अंगों का व्यापार होने के चलते बाघों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें कि, वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसायटी ऑफ इंडिया पूरे भारत में बाघ के शिकारियों और व्यापारियों को पकड़ने के लिए सरकारी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम करती है। डब्ल्यूपीएसआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार इस वर्ष अबतक देश में 125 बाघों की मौत हुई है। जिसमें 31 बाघों का शिकार हुआ है। इधर चंद्रपुर जिले की बात करें तो इस वर्ष 15 बाघ-बाघिन की मौत हुई। इनमें 3 की खेत के बाड़ में लगाए गए करंट हुई है।

अब तक 19 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं :गौरतलब है कि, चंद्रपुर-गडचिरोली सीमा पर बाघ के शिकार मामले में संयुक्त रूप से कार्रवाई में अबतक 19 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें तेलंगाना के करीमनगर, आसाम के गुवाहाटी और दिल्ली के आरोपियों का समावेश है। विगत दिनों में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया 81 वर्षीय सेवानिवृत्त वनाधिकारी शिकारी टोलियों के संपर्क रहकर बाघ के अंगों का व्यापार करता था। बताया जाता है कि, आरोपी बाघ के शिकार और बाघ के अंगों के व्यापार को नियंत्रित करता है। अवैध व्यापार को सिंडीकेट में चलाकर शिकारियों व तस्करों से पैसे कमाता था। 31 जुलाई को डब्ल्यूसीसीबी की विशेष जांच टीम ने ₹14.8 लाख नकद के साथ गिरफ्तार किया था। सूत्रों ्ने बताया कि, बावरिया टोली ने चंद्रपुर जिले के सावली क्षेत्र में दो बाघों का शिकार किया है। स्पेशल टास्क फोर्स देश में मौजूद आरोपियों की तलाश में जुटा है। इसी बहाने वनविभाग शिकारी टोली व तस्करों के तह तक पहुंचना चाहती है।

बाघों का घर कहलाता है चंद्रपुर जिला : बाघों का शिकार उन सभी क्षेत्रों में होता है जहां बड़ी संख्या में बाघ दर्ज किए गए हैं। शिकार विशेष रूप से महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, उत्तराखंड, असम जैसे राज्यों का समावेश है। बता दें कि, चंद्रपुर जिला बाघों का घर कहा जाता है । मांग के अनुसार होता है शिकार और तस्करी: बताया जाता है कि, अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पारंपारिक चििकत्सा के लिए बाघ की हड्डियाें के अलावा बाघ की खाल, नाखून जैसे अंगों की मांग है। जिससे बाघों का शिकार बढ़ता जा रहा है।

Created On :   4 Aug 2023 1:21 PM IST

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