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Chandrapur News: बी,एस.इस्पात कंपनी ने लगाया व्यवसायी को करोड़ों का चूना

- चंद्रपुर के व्यापारी को खदान से कोयला देने का दिया झांसा
- ऐंठ लिए करोड़ों की रकम
Chandrapur News वरोरा तहसील अंतर्गत ग्राम सालोरी येन्सा स्थित मेसर्स बी.एस.इस्पात कंपनी का एक और घोटाला उजागर हुआ है। जिले की अरमैको कंपनी के संचालक शेखर रामकुमार लोहिया ने इस कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत वरोरा थाने में दर्ज करवायी है जिसके आधार पर पुलिस ने कंपनी के संचालक भवानीप्रसाद मिश्रा, आशीष पंडित, आदित्य मल्होत्रा तथा कंपनी के सीएफओ सागर कासनगोट्टुवार के खिलाफ भादंवि की 420, 406, 465, 467, 468 सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सनद रहे कि इससे पहले भी बी.एस. इस्पात कंपनी के खिलाफ इसी तरह की धोखाधड़ी मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
लोहिया द्वारा वरोरा थाने में दर्ज शिकायत में बताया गया है कि उपरोक्त आरोपियों ने कोयला आपूर्ति का वादा कर अरमैको इन्फ्रालिंक प्राइवेट लिमिटेड, विनायक ट्रेडिंग कार्पोरेशन, नागपुर, मेसर्स एल.बी.कुन्जीर पुणे, पैसे लगाओ डॉटकॉम तथा अरमैको लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड इन सभी कंपनियों के कुल मिलाकर 1,25,95,36,660 रुपए का निवेश करवाया लेकिन पैसे लेने के बावजूद भी कोयले की आपूर्ति न कर सभी कंपनियों के साथ धोखाधड़ी की जिनमें से एक कंपनी लोहिया की भी है।
आगे बताया है कि वर्ष 2023 से वे अरमैको कंपनी के संचालक हैं। मार्च 2021 में उनकी और आशीष जैन की मुलाकात बीएस इस्पात के एमडी भवानी प्रसाद मिश्रा से हुई थी। उस समय उन्होंने लोहिया और जैन को बताया कि यवतमाल जिले के झरी जामणी तहसील अंतर्गत ग्राम मार्की मांगली की कैप्टीव माइन्स उनकी कंपनी ने लीज पर ली है। उस समय कोयले का मार्केट में शार्टेज होने के कारण भारत सरकार ने खुले बाजार में कोयला बेचने की अनुमति दी है, ऐसा बताते हुए मिश्रा ने उनसे अनुरोध किया था कि वे उसकी कंपनी में निवेश करें। इसके एवज में कोयला देने का वादा भी मिश्रा न इस समय किया। फलस्वरूप उन पर विश्वास करते हुए लोहिया ने उन्हें 1 करोड़ का चेक अग्रीम राशि के तौर पर दिया था जिसके बाद मिश्रा ने समय-समय पर कोयला आपूर्ति भी की जिससे लोहिया के मन में शक की कोई गुंजाइश नहीं रही।
तत्श्चात वर्ष 2022 में बीएस इस्पात की ओर से भवानी प्रसाद मिश्रा ने बताया कि उन्होंने कोयला खान प्राधिकरण के साथ कोयला खान विकास और उत्पादन का अनुबंध हुआ है और इस अनुबंध के तहत उन्हें वरोरा के मजरा चिनोरा खदान से उत्खनन की अनुमति मिल गई है। इस आधार पर लोहिया का विश्वास जीतकर आरोपियों ने 16 सितंबर 2022 से लेकर 16 सितंबर 2023 तक की अवधि में 60 हजार मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति का वादा करते हुए उनसे 54,00,07,194 रुपए झटक लिए। यह राशि लोहिया ने बी.एस. इस्पात के खाते में जमा करवायी थी। लेकिन इसके बाद बी.एस. इस्पात ने कोयले की आपूर्ति नहीं की। जब लोहिया ने इस मामले की अधिक पड़ताल की तो पता चला कि नवंबर 2022 में ही राशि जमा न करने के कारण बी.एस.इस्पात कंपनी का प्राधिकरण के साथ अनुबंध रद्द हो चुका था। फिर भी आरोपियों ने उनकी आंखों में धूल झोंककर उन्हें करोड़ों की चपत लगा दी। मामले की गहन छानबीन करने के बाद और भी कई गड़बड़ियां उजागर हुईं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होने का बताया गया है।
Created On :   2 Sept 2025 4:46 PM IST